मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से शनिवार को ईडी ने घंटों उनके सरकारी आवास पर पूछताछ की थी. इस दौरान रांची में चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था. पूछताछ के दौरान सीएम सोरेन के आवास के अंदर-बाहर, राजभवन और ईडी ऑफिस सहित कई मुख्य जगहों पर पुलिस बल को तैनात किया गया था. लेकिन इन सुरक्षा बलों पर अब झारखंड में सवाल खड़े होने लगे हैं.
सीएम हेमंत सोरेन के आवास के आसपास में पूछताछ के दौरान सैकड़ों सीआरपीएफ जवान आ पहुंचे थे, जिस पर अब सीएमओ ने भी सवाल खड़ा किया है. मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से सीआरपीएफ विभाग और पुलिस मुख्यालय से जवानों की तैनाती पर सवाल पूछा गया है. सीएमओ कार्यालय की ओर से पूछा गया है कि कैसे इतनी मात्रा में सीआरपीएफ जवान प्रतिबंधित इलाके में आ गए और उनके आने पर किस तरह की कार्रवाई की गई.
राज्य पुलिस महानिदेशक ने सीआरपीएफ को इस मामले में पत्र लिखकर जवाब मांगा है. मुख्यालय की ओर से सीआरपीएफ को पत्र लिखकर पूछा गया है कि सीआरपीएफ के जवान प्रतिबंधित इलाके में कैसे आए और उन्हें वहां जाने का आदेश किस स्तर पर दिया गया था.
दरअसल जमीन घोटाला मामले में सीएम हेमंत सोरेन के आवास पर ईडी की पूछताछ के दौरान कई बसों में सीआरपीएफ के जवान सीएम आवास पहुंचे थे. सीआरपीएफ जवानों ने सीएम आवास के आसपास मोर्चा संभाला और थोड़ी देर बाद वहां से चले गए.
झामुमो का आरोप
झामुमो ने सीआरपीएफ जवानों के इस आगमन पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं. सत्ता दल ने आरोप लगाया है कि जवान मुख्यमंत्री आवास के अंदर घुसना चाहते थे. रविवार को झामुमो के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडे और सुप्रिया भट्टाचार्य ने बयान देते हुए कहा है कि सीआरपीएफ का यह कृत्य एक सोची- समझी साजिश थी. इस साजिश में सीआरपीएफ के आईजी समेत कई अधिकारी शामिल थे.
झामुमो ने आगे आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार हमला करवाना चाहती थी. जिस दौरान पूछताछ चल रही थी इस दौरान झामुमो कार्यकर्ता सीएम आवास के पास प्रदर्शन कर रहे थे. झामुमो ने आरोप लगाया है कि कार्यकर्ताओं और जवानों के बीच मारपीट करवाने के लिए जवानों को लाया गया था. इन सब से राज्य सरकार पर संवैधानिक तंत्र की असफलता का आरोप लगाया जाएगा और राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की जा सकेगी.
महासचिव सुप्रिया भट्टाचार्य ने प्रेस वार्ता में आगे कहा कि मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करने की पूरी साजिश तैयार की गई थी एयरपोर्ट पर भी एक एयरक्राफ्ट पार्क था. सीआरपीएफ के जरिए रांची को डिस्टर्ब करने की तैयारी की जा रही थी और राष्ट्रपति शासन लागू करने के लिए प्लॉट तैयार किया जा रहा था.
सीआरपीएफ आईजी कमांडेंट और वरीय पदाधिकारी पर और असंवैधानिक कार्यों का आरोप लगाते हुए पार्टी ने कार्रवाई की मांग की है. पार्टी ने कहा है कि अगर इस मामले पर एक्शन नहीं लिया गया तो आगे आंदोलन किया जाएगा.
भाजपा का पलटवार
सत्ता दल की ओर से लगाए जा रहे इस आरोप पर भाजपा ने पलटवार किया है. झारखंड बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा है कि भ्रष्टाचार के मुद्दे में फंसे मुख्यमंत्री ध्यान भटकने के लिए जानबूझकर इस तरह की बात कर रहे हैं. वह चाहते हैं कि राज्य को अराजकता में झोंक दियाजाए. हजारों लोगों को तीर धनुष और हथियार के साथ बुलाकर सीएम क्या देश की न्यायिक व्यवस्था, न्यायाधीशों, केंद्रीय एजेंसियों या देश के संविधान को डराना चाह रहे थे. पूछताछ के दौरान कार्यकर्ताओं ने देश भड़काऊ नारे लगाए थे और धारा 144 का उल्लंघन भी किया था.