NOTA को ज्यादा वोट तो दुबारा हो चुनाव, उम्मीदवार पर लगे पांच साल का बैन, SC सुनवाई को तैयार

NOTA की मान्यता के लिए मोटिवेशनल स्पीकर शिव खेड़ा ने SC में पिटीशन दायर किया है. खेड़ा ने मांग की है कि, अगर NOTA को किसी कैंडिडेट से ज्यादा वोट मिलते हैं तो उस सीट दुबारा चुनाव कराया जाए.

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NOTA को ज्यादा वोट तो दुबारा हो चुनाव

NOTA को ज्यादा वोट तो दुबारा हो चुनाव

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार(26 अप्रैल) को चुनाव से जुड़े दो अहम् मुद्दों पर अपना फैसला सुनाया है. अपने पहले फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने EVM और VVPAT से चुनाव कराए जाने की व्यवस्था को जारी रखने का आदेश दिया है. वहीं आज के दुसरे आदेश में SC ने NOTA से जुड़ी याचिका पर सुनवाई के लिए चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है.

NOTA की मान्यता के लिए मोटिवेशनल स्पीकर शिव खेड़ा ने SC में पिटीशन दायर किया है. खेड़ा ने मांग की है कि, अगर NOTA को किसी कैंडिडेट से ज्यादा वोट मिलते हैं तो उस सीट पर हुए चुनाव को रद्द कर दिया जाए और नए सिरे से चुनाव कराए जाए. याचिकाकर्ता ने कोर्ट से अपील किया है कि अगर किसी उम्मीदवार को NOTA से कम वोट मिलते हैं तो उनके चुनाव लड़ने पर पांच साल की रोक लगाई जाए. 

CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच इस याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गयी है.

NOTA को काल्पनिक उम्मीदवार का दर्जा मिले

याचिकाकर्ता ने अपने पिटीशन में कहा है कि NOTA को याचिकाकर्ता का दर्जा दिया जाये. महाराष्ट्र, दिल्ली, पुडुचेरी और हरियाणा में पंचायत और नगरपालिका चुनावों से NOTA को अगर ज्यादा वोट मिलते हैं तो चुनाव आयोग वहां दुबारा वोट करवाती है. याचिकाकर्ता ने मांग कि चुनाव आयोग इस नियम को समान रूप से पुरे देश में लागू करे.

याचिकाकर्ता ने पिटीशन में कहा कि सुप्रीम कोर्ट का NOTA लाने का मकसद यह उम्मीद करना था कि इससे चुनावों में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. ऐसा तभी हो सकता है जब राज्य और चुनाव आयोग NOTA का अच्छे से प्रचार करेगा.

शिव खेड़ा ने पिटीशन में सूरत लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी मुकेश दलाल के निर्विरोध जीत का भी जिक्र किया है. याचिका में कहा गया कि यहां से कांग्रेस कैंडिडेट नीलेश कुंभाणी का पर्चा रद्द हो गया था. इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस कैंडिडेट समेत 10 प्रत्याशी मैदान में थे. 21 अप्रैल को 7 निर्दलीय कैंडिडेट्स ने अपना नामांकन वापस ले लिया. वहीं BSP कैंडिडेट प्यारे लाल भारती ने सोमवार 22 अप्रैल को नामांकन वापस ले लिया. इस तरह भाजपा के मुकेश दलाल निर्विरोध चुने गए.

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