रेमल तूफान का असर: कोलकाता की सड़कों पर भरा पानी, 100 से ज्यादा पेड़ और बिजली के खंभे गिरे

चक्रवात के लैंडफॉल के कारण बंगाल के तटीय इलाकों कोलकाता, हुगली, हावड़ा, उत्तर और दक्षिण 24 परगना, दीघा, काकद्वीप, पूर्वी मेदिनीपुर और जयनगर में 60 किलोमीटर की रफ्तार से तेज हवाएं चली. 

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रेमल तूफान का असर

रेमल तूफान का असर

इस साल का पहला गंभीर चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ रविवार 26 अप्रैल की रात 8.20 बजे पश्चिम बंगाल के कैनिंग और बांग्लादेश के मोंगला तट के टकरा गया. इस दौरान चक्रवात की रफ्तार 135 किलोमीटर प्रति घंटे थी. चक्रवात के लैंडफॉल के कारण बंगाल के तटीय इलाकों कोलकाता, हुगली, हावड़ा, उत्तर और दक्षिण 24 परगना, दीघा, काकद्वीप, पूर्वी मेदिनीपुर और जयनगर में 60 किलोमीटर की रफ्तार से तेज हवाएं चली. 

वहीं चक्रवात के प्रभाव के कारण इन इलाकों भारी बारिश भी हुई. जिससे कई इलाकों पानी भर गया. तूफान का लैंडफॉल करीब चार घंटों तक चला था.

इस दौरान कई पेड़ उखड़ गये. वहीं तटीय इलाकों के करीब 15 हजार घरों को नुकसान हुआ. सबसे ज्यादा नुकसान पश्चिम बंगाल के दक्षिण तटीय इलाकों के 24 ब्लॉक और 79 वार्ड को हुआ. वही तूफान का असर राजधानी कोलकाता को भी हुआ. यहां 100 से भी ज्यादा पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गये.

इस दौरान कोलकाता और सुंदरबन में दो लोगों की मौत भी हो गयी.

तूफान के कारण रविवार 26 मई को कोल्कता में 394 फ्लाइट्स कैंसिल हुई थी. जिसे आज 21 घंटे बाद भी शुरू कर दिया गया है. रेमल तूफान अब कमजोर होकर नार्थ ईस्ट की और बढ़ रहा है. जिसके कारण त्रिपुरा, मेघालय, सिक्किम और असम में इसका असर दिखेगा.

चक्रवाती तूफान के असर को देखते हुए इंडिगो एयरलाइन्स यात्रियों के लिए सूचना जारी की है. इंडिगो ने बताया इस दौरान रांची, दुर्गापुर, गुवाहाटी, बागडोगरा, जोरहाट, अगरतला, डिब्रूगढ़, इंफाल और दीमापुर की उड़ाने प्रभावित रहने वाली हैं. इसलिए यात्रियों को एयरपोर्ट के लिए निकलने से पहले यात्री फ्लाइट का समय जरुर देख लें.

तूफान के असर के कारण इन क्षेत्रों में 27 और 28 मई को भी बारिश हो सकती है. 

NDRF की 12 टीमें थी तैनात

 तूफान को लेकर राज्य और केंद्र सरकार पहले से ही तैयार थी. इस दौरान राज्य में 12 NDRF की टीम तटीय इलाकों में भेज दी गईं थी. साथ ही पांच एनी टीमों को स्टैंडबाय पर रखा गया था. इसके अलावा जहाजों और विमानों के साथ सेना, नौसेना और कॉस्ट गार्ड टीम भी इमरजेंसी के लिए रखी गई हैं.

तैयारियों को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा “चक्रवात रेमल के भूस्खलन के मद्देनजर संबंधित अधिकारियों से बात की. उन सभी इलाकों में जहां चक्रवात का असर हो सकता है, NDRF की पर्याप्त तैनाती की गई है. लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों में पहुंचाया जा रहा है, और आपदा प्रतिक्रिया एजेंसियां यह सुनिश्चित करने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रही हैं कि जान-माल की सुरक्षा हो. मोदी सरकार आपदाओं में न्यूनतम जनहानि के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है.”

वहीं राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट कर जनता को सुरक्षित रहने के लिए कहा. ममता ने लिखा “घर पर रहें और सुरक्षित रहें. हम आज और हमेशा आपके लिए मौजूद हैं. ये तूफ़ान भी गुज़र जाएगा.”

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