बिहार कैडर के 2011 बैच के आईपीएस आदित्य कुमार ने आज पटना सिविल कोर्ट में सरेंडर कर दिया है. आरोपी आईपीएस को सुप्रीम कोर्ट ने झटका देते हुए 6 दिसम्बर के पहले कोर्ट में सरेंडर करने का आदेश दिया था.
आदित्य कुमार ने आज एसीजेएम-1 की अदालत में सरेंडर किया है. सरेंडर करने के बाद आरोपी आईपीएस ने कोर्ट में जमानत के लिए अपील दी थी, लेकिन इस मांग को भी न्यायालय ने खारिज कर दिया है. पुलिस ने आरोपी आईपीएस को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है. आदित्य कुमार के ऊपर धारा 353, 387, 419, 420, 467, 468, 120 बी और धारा 66c, 66d के साथ ही आईटी एक्ट 2000 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
चीफ जस्टिस के नाम पर बिहार डीजीपी से बात
दरअसल आईपीएस आदित्य कुमार पर आरोप है कि उन्होंने पटना उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस के नाम पर बिहार डीजीपी से बात की थी. जिसमें उन्होंने अपने ऊपर से केस खत्म करने, प्रोसेसिंग खत्म करने और बेहतर पोस्टिंग के लिए डीजीपी एसके सिंघल को कॉल करवाया था. इसके लिए उन्होंने अपने दोस्त अभिषेक अग्रवाल का साथ लिया था. अभिषेक अग्रवाल ने व्हाट्सएप पर तत्कालीन चीफ जस्टिस को कई बार फोन लगाया. उन्होंने चीफ जस्टिस पर दबाव बनाकर काम भी करवाए.
मामले का खुलासा तब हुआ, जब तत्कालीन डीजीपी सिंघल के साथ ही अभिषेक अग्रवाल ने बिहार के कुछ बड़े प्रशासनिक अधिकारियों को चीफ जस्टिस बनकर व्हाट्सएप्प कॉल किया. शक होने के बाद छानबीन में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने पिछले साल कांड संख्या 33/22 दर्ज कर जांच की. गया के तत्कालीन एसएसपी आदित्य कुमार ने सर्वोच्च अदालत के आदेश के बाद सरेंडर करना पड़ा है.