बिहार कैडर के 2011 बैच के आईपीएस आदित्य कुमार को सुप्रीम कोर्ट ने झटका दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि आईपीएस आदित्य कुमार को दो हफ्ते के अंदर सरेंडर करना होगा.
दरअसल आईपीएस आदित्य कुमार पर आरोप है कि उन्होंने पटना उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस के नाम पर बिहार डीजीपी से बात की थी. जिसमें उन्होंने अपने ऊपर से केस खत्म करने, प्रोसेसिंग खत्म करने और बेहतर पोस्टिंग के लिए डीजीपी एसके सिंघल को कॉल करवाया था. इसके लिए उन्होंने अपने दोस्त अभिषेक अग्रवाल का साथ लिया था. अभिषेक अग्रवाल ने व्हाट्सएप पर तत्कालीन चीफ जस्टिस को कई बार फोन लगाया. उन्होंने चीफ जस्टिस पर दबाव बनाकर काम भी करवाए.
मामले का खुलासा तब हुआ, जब तत्कालीन डीजीपी सिंघल के साथ ही अभिषेक अग्रवाल ने बिहार के कुछ बड़े प्रशासनिक अधिकारियों को चीफ जस्टिस बनकर व्हाट्सएप्प कॉल किया. शक होने के बाद छानबीन में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने पिछले साल कांड संख्या 33/22 दर्ज कर जांच की.
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद अब आईपीएस आदित्य कुमार के पास सरेंडर करने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है. अगर वह दो हफ़्तों के अंदर सरेंडर नहीं करते है तो ईओयू उन्हें गिरफ्तार कर लेगी.