इजराइल-हमास के बीच युद्ध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. विश्व में चर्चा थी कि रमजान के समय तो कम से कम गाज़ा पर हमले नहीं होंगे, लेकिन रमजान के समय भी 150 से ज्यादा लोग इजराइली हमले में मारे जा चुके हैं. बीते दिनों ही रमजान के दौरान इफ्तारी लेने पहुंचे कई लोगों ने अपनी जान गंवा दी.
गाज़ा में युद्ध रोकने के लिए इजरायली डेलिगेशन से बातचीत चल रही है. आशा है कि इजराइल और गाज़ा के बीच में सीजफायर को लेकर बातचीत जरूर बनेगी. सोमवार को इजराइल का एक सीनियर प्रतिनिधिमंडल दोहा पहुंचेगा, जहां संघर्षविराम(सीजफायर) लगाने और बंधकों की रिहाई के बारे में बातचीत होगी.
यहूदियों पर किया गया सबसे बड़ा हमला
युद्ध रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी दबाव बनाया जा रहा है. लगातार इजरायल से सीजफायर करने की मांग की जा रही है, लेकिन इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू गाज़ा को तहस-नहस करने के मकसद से आगे बढ़ रहे हैं. इजरायली पीएम ने कहा कि गाज़ा में हमास के खिलाफ यह अभियान रमजान में भी जारी रहेगा. मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान नेतान्याहू ने कहा कि इजरायली सेना कुछ दिनों में ही रफाह के भीतर जाएगी और वहां कार्रवाई करेगी. पीएम ने आगे कहा है कि विश्व क्या 7 अक्टूबर 2023 को भूल गया है? जब हमास ने इजराइल पर हमला किया था. वह हमला द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यहूदियों पर किया गया सबसे बड़ा हमला था. क्या इजराइल को हमास के लड़ाकों से अपनी सुरक्षा का अधिकार नहीं है.
पीएम नेतान्याहू ने आगे कहा कि रफाह इजरायली नागरिकों को निकाल कर वहां आतंकवादियों को पकड़ेगी.
गाज़ा पर हो रहे हमले के बीच लगातार वहां से खबरें आ रही है कि कई इलाकों में खाद्य सामग्री की कमी हो गई है. बच्चे और गर्भवती महिलाएं कुपोषण की शिकार हो रही है. कुछ बच्चों की मौत भी कुपोषण की वजह से हो चुकी है, अगर जल्द ही यह युद्ध नहीं रुका तो स्थिति बेहद खतरनाक होगी.
गौरतलब है कि अमेरिका और कई देशों ने इजराइल से रफाह में कार्रवाई ना करने की अपील की है. इसके बावजूद इजरायली पीएम ने अपने फैसले को नहीं बदला है. मिस्र सीमा पर बसा रफाह एक छोटा सा शहर है, जहां पर करीब 14 लाख बेघरों ने शरण ली हुई है. नेतान्याहू के जिद्द के बाद शरणार्थियों की जिंदगी पर खतरा मंडरा रहा है.