अमित शाह डीपफेक वीडियो के मामले में जांच का दायरा झारखंड पहुंचा था. बुधवार को ही अमित शाह से जुड़े एक वीडियो के मामले में झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर को दिल्ली पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया था. दिल्ली पुलिस ने आज राजेश ठाकुर को सशरीर दिल्ली में पेश होने के लिए कहा था, साथ ही पुलिस ने उन्हें लैपटॉप, मोबाइल और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक सामानों को भी लाने के लिए कहा था. गुरुवार को ही राजेश ठाकुर को झारखंड से दिल्ली पूछताछ के लिए पेश होने जाना था, लेकिन वह नहीं गए और दिल्ली पुलिस को पत्र के जरीए जवाब भेजा.
दिल्ली पुलिस आए रांची
जवाब के साथ ही राजेश ठाकुर ने डीपफेक वीडियो पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि पहले वीडियो की जांच की जानी चाहिए कि कौन सा फेक वीडियो है. पत्र में उन्होंने लिखा है कि अमित शाह ने तो महात्मा गांधी का भी मजाक उड़ाया है.
दिल्ली पुलिस को चिट्ठी में साफ शब्दों में झारखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि वह दिल्ली नहीं आएंगे, अभी वह चुनाव में वयस्त हैं. अगर दिल्ली पुलिस को पूछताछ करनी है तो वह खुद रांची आए.
कल भी डीपफेक वीडियो पर जवाब देते हुए राजेश ठाकुर ने कहा था कि मुझे एक नोटिस भेजा गया है. अभी यह समझ से परे है कि वह मुझे क्यों भेजा गया है. मैं समझता हूं कि यह तानाशाही है. जिसको जो मन में आ रहा है वह कर रहा है. अगर कोई शिकायत है तो पहले देखना चाहिए कि मेरे ट्विटर हैंडल पर वह चीज है या नहीं. इस पूरे मामले पर मैंने अपने सलाहकार से राय मांगी है.
कांग्रेस का एक्स अकाउंट बैन
झारखंड कांग्रेस के एक्स अकाउंट को भी अमित शाह फेक वीडियो मामले में बैन कर दिया गया है. दरअसल 27 अप्रैल को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें वह कहते हुए दिख रहे है कि भाजपा की सरकार अगर बनी तो एससी, एसटी और ओबीसी का रिजर्वेशन खत्म कर दिया जाएगा. जबकि असली वीडियो में अमित शाह एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण को बनाए रखने की बात कह रहे थे. फेक वीडियो को कई कांग्रेस दिग्गज नेताओं ने अपने एक्स पर साझा किया है.