झारखंड सरकार राज्य में दूध उत्पादन को बढ़ावा देने और पशुपालकों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार की तरफ से किसानों को प्रति लीटर दूध पर तीन रूपए प्रोत्साहन राशि देती है. यह राशि सरकार राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) को उपलब्ध कराती थी. जिसके बाद एनडीडीबी प्रोत्साहन राशि दुग्ध उत्पादकों के खातें में डीबीटी (Direct Beneficiary Transfer) के माध्यम से भेजती थी.
साल 2021 में झारखंड सरकार ने राज्य के दुग्ध उत्पादकों को झारखंड मिल्क फेडरेशन से जोड़ने और लागत राशि में सहयोग करने के उद्देश्य से प्रोत्साहन राशि दिए जाने की शुरुआत की थी. साल 2021-22 में उत्पादकों को प्रति लीटर एक रूपए की राशि दी जाती थी. जबकि 2022-23 में दो रुपए प्रति लीटर और 2023-24 में इसे बढ़ाकर तीन रुपए लीटर कर दिया गया.
राज्य के लगभग 68 हजार दुग्ध उत्पादक झारखंड मिल्क फेडरेशन से पंजीकृत हैं और उससे जुड़े सहकारी संस्थानों में दूध जमा करते हैं. लेकिन 31 मार्च को झारखंड सरकार और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के बीच कॉन्ट्रैक्ट समाप्त हो गया. जिसके कारण पशुपालकों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. सरकार ने कॉन्ट्रैक्ट रिन्यूअल के लिए प्रस्ताव भेजा है लेकिन अबतक इसे कैबिनेट से मंजूरी नहीं मिल सकी है.
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