झारखंड के पूर्व सीएम और झामुमो नेता हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने आज भी हेमंत सोरेन को सुनवाई में अंतरिम जमानत नहीं दी. कल एक बार फिर से अदालत ने इस मामले में सुनवाई के लिए तारीख तय की है. सुनवाई के दौरान हेमंत सोरेन के वकील कपिल सिब्बल ने उनका पक्ष रखा और कहा कि मैं कल इस पर आगे की दलील पेश करना चाहूंगा. ईडी ने सिब्बल की मांग का विरोध करते हुए कहा कि गर्मी की छुट्टियों के बाद इस पर सुनवाई होनी चाहिए. दोनों पक्षों को सुनकर सुप्रीम कोर्ट ने जवाब देते हुए कहा कि कुछ पहले के फैसले के उदाहरण पर सिब्बल आगे स्पष्टता देंगे.
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस दीपंकर दत्त की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय बेंच मामले की सुनवाई कर रही है. मंगलवार की सुनवाई के पहले 17 मई को भी हेमंत सोरेन के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी. कोर्ट ने उन्हें तत्काल राहत देने से पिछली सुनवाई में भी मना किया था. ईडी की ओर से एएसजी राजू ने दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को मिली राहत का हवाला देकर हेमंत सोरेन के जमानत की मांग नहीं करने की बात की. उन्होंने कहा कि दोनों केस में तथ्य अलग-अलग है, हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी चुनाव से पहले की गई थी और फिर इस केस में उनके खिलाफ चार्जशीट पर कोर्ट ने संज्ञान लिया.
ईडी ने दलित दी कि अगर सोरेन को प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी जाएगी तो जेल में बंद सभी नेता जमानत की मांग करेंगे.
कपिल सिब्बल ने हेमंत सोरेन का पक्ष रखते हुए 8.86 एकड़ जमीन का मामला और हेमंत सोरेन का कोई संबंध नहीं है. इन जमीनों का रिकॉर्ड 1979 में अलग-अलग लोगों को ट्रांसफर दिखता है, उस समय हेमंत सोरेन की उम्र 4 साल थी. उन्होंने आगे कहा कि जमीन पर एक बिजली कनेक्शन भी है.
मालूम हो कि हेमंत सोरेन ने जमीन घोटाला मामले में अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी. हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को ईडी ने रांची से गिरफ्तार कर लिया था.