चुनाव आयोग ने गुरुवार 25 अप्रैल को पीएम मोदी और राहुल के भाषणों के खिलाफ की गई शिकायतों पर दोनों पार्टियों को नोटिस भेजा है. इन शिकायतों में आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगाया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी के बयान पर दोनों पार्टियों के अध्यक्ष से जवाब मांगा है.
हालांकि, चुनाव आयोग (Election Commision) के नोटिस का बावजूद शुक्रवार 26 अप्रैल को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) कांग्रेस के घोषणापत्र को लेकर हमला बोला है. जेपी नड्डा ने वीडियो जारी करके कहा- कांग्रेस और I.N.D.I.A. गठबंधन (Congress and INDIA alliance) SC, ST और OBC के अधिकारों को छिनकर मुसलमानों को देना चाहती है. यह I.N.D.I.A. गठबंधन का छुपा हुआ एजेंडा है.
जेपी नड्डा ने यह बयान तब दिया है जब गुरूवार को ही चुनाव आयोग ने पीएम मोदी के बयान को लेकर उनसे जवाब मांगा है.
इलेक्शन कमीशन ने जनप्रतिनिधि कानून के सेक्शन 77 के तहत भाजपा और कांग्रेस के अध्यक्षों को नोटिस भेजा है. आयोग ने स्टार प्रचारकों की फौज उतारने के लिए पहली नजर में पार्टी अध्यक्षों को ही जिम्मेदार ठहराया है. चुनाव आयोग ने नोटिस में कहा, "अपने प्रत्याशियों के कामों के लिए राजनीतिक दलों को ही पहली जिम्मेदारी उठानी चाहिए. खासतौर पर स्टार कैंपेनर्स के मामले में, ऊंचे पदों पर बैठे लोगों के चुनावी भाषणों का असर ज्यादा गंभीर होता है."
पीएम मोदी और राहुल गांधी अपने-अपने पार्टी के स्टार प्रचारक हैं. इस लिहाज से चुनाव आयोग ने उनके बयानों के लिए पार्टी अध्यक्ष को जिम्मेदार माना है.