के के पाठक लौटे, लौटते ही स्कूल बंद करने को लेकर जिला अधिकारियों को फटकार लगाई

लम्बी छुट्टी के बाद आज एक बार फिर से के के पाठक ने अपने मुख्य सचिव की कुर्सी को संभाला है. आते के साथ ही उन्होंने स्कूलों के बंद करने पर जिला अधिकारीयों से सवाल पूछा है.

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केके पाठक वापस आए

केके पाठक वापस आए

बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक पर बीते कई दिनों से यह कहा जा रहा था कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफ़े की खबर जंगल में आग  की तरह तेजी से फैल गई. बीच में नए अपर मुख्य सचिव की नियुक्ति भी की खबरें आने लगी थी. इन खबरों पर के के पाठक ने आज लगाम लगाया है. 

जिस तरह से के के पाठक अपने आदेशों से सुर्खियों में आते है ठीक उसी तरह से आदेश देकर उन्होंने अपने चले जाने के खबरों पर रोक लगाई है. लम्बी छुट्टी के बाद आज एक बार फिर से के के पाठक ने अपने मुख्य सचिव की कुर्सी को संभाला है. आते के साथ ही उन्होंने नया आदेश दे डाला है. पद को संभालते के साथ एक्शन लेते हुए उन्होंने जिले में पड़ रही कड़ाके की ठंड और स्कूलों की छुट्टियों पर सवाल खड़ा किया हैं. 

के के पाठक ने प्रमंडल आयुक्त को पत्र भेज कर पूछा है कि बीते दिन राज्य में सर्दी/ शीतलहर के कारण विभिन्न प्रमंडलों के विभिन्न जिलों के तहत स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया गया था. इन आदेशों को धारा 144 के तहत लागू करने के लिए कहा गया था. लेकिन धारा 144 के तहत स्कूलों का बंद होना एक गंभीर मामला है, क्योंकि इसके तहत कानून की धारा 144 सीआरपीसी को इन्वोक किया जाता है.

केके पाठक का आदेश
केके पाठक का आदेश

पत्र में आगे लिखा गया है कि जब धारा 144 सीआरपीसी इत्यादि को इन्वोक किया जाता है तो यह ख्याल रखना जाना चाहिए कि इसके तहत पारित आदेश जुडिशल स्क्रुटनी पर खरे उतरे. यानी की न्यायिक आदेश समान स्थिति में सभी पर समान रूप से लागू होना चाहिए. लेकिन जिला दंडाधिकारियों ने जिस तरह धारा 144 पारित किया उसमें केवल स्कूलों को ही बंद किया गया है, लेकिन दूसरी संस्थानों का जिक्र नहीं किया गया जिनमें कोचिंग संस्थानों, सिनेमा हॉल, मॉल, दुकानें, व्यावसायिक संस्थानों इत्यादि की गतिविधियों के समय को नियंत्रित नहीं किया गया है.

पत्र में आगे के के पाठक ने जिला प्रशासन से यह सवाल भी पूछा है कि यह कैसी शीतलहर है जो केवल विद्यालयों में ही गिरती है और कोचिंग संस्थानों में नहीं गिरती है. कोचिंग संस्थानों में भी स्कूलों के बच्चे जो क्लास 4 से लेकर 12 तक के हैं वह पढ़ने जाते हैं.

आगे सुझाव देते हुए अपन मुख्य सचिव ने लिखा है कि जिला परिषद प्रशासन को सुझाव दिया जाता है कि जब भी शीतलहर के चलते किसी आदेश को निकाला जाए तो वह पूरे जिले पर समान रूप से लागू किया जाए.

साथ ही जिन जिलों में इस तरह के आदेश को निकाला गया उसे वापस लिया जाए. सरकारी विद्यालयों की समय अवधि को 9 से 5 तय किया गया है, इस समय अवधि को बदलने के संबंध में अगर कोई भी आदेश निकल जाए तो पहले शिक्षा विभाग से इसकी अनुमति जरूर ले ली जाए. और बात-बात पर स्कूलों को बंद करने की परंपरा पर रोक लगनी चाहिए.

11 जनवरी को के के पाठक के इस्तीफे का पत्र सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर किया गया था. पत्र में के के पाठक ने लिखा है कि मैं के के पाठक अपर मुख्य सचिव शिक्षा विभाग बिहार के पद का परित्याग करता हूं.

बीते 8 जनवरी से के के पाठक छुट्टी पर थे, छुट्टी पर जाने का कारण उन्होंने स्वास्थ्य कारण बताया था. के के पाठक 16 जनवरी को ही वापस काम पर लौटने वाले थे, लेकिन छुट्टियों को आगे बढ़ा कर आज से उन्होंने अपर मुख्य सचिव का पदभार संभाला है. 

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