केके पाठक ने दिया इस्तीफा........... अफवाह या सच्चाई, छुट्टी पर गए हैं शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव
शिक्षा विभाग के रॉबिन हुड पाठक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. 9 जनवरी को ही ACS केके पाठक ने अपनी स्वेच्छा से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन उनका इस्तीफा पत्र गुरुवार को वायरल हुआ.
बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को कौन नहीं जानता. बिहार के स्कूलों में केके पाठक के आदेशों के चर्चे, उनके औचक निरक्षण बीते कई महीनों से राज्य में चल रहे थे. केके पाठक के आदेशों और निरीक्षणों पर अब विराम लगने वाला है. दरअसल शिक्षा विभाग के रॉबिन हुड पाठक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.
9 जनवरी को ही ACS केके पाठक ने अपनी स्वेच्छा से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन उनका इस्तीफा पत्र गुरुवार को वायरल हुआ.
केके पाठक ने अपना इस्तीफा पत्र सामान्य प्रसाशन विभाग को सौंपा है. इस्तीफा पत्र में केके पाठक ने लिखा है कि मैं केके पाठक अपर मुख्य सचिव शिक्षा विभाग बिहार के पद का परित्याग करता हूं .
केके पाठक बीते कई महीनो से चर्चा का विषय बने हुए थे. उनका खौफ राज्य के शिक्षकों के बीच में बना हुआ था. कोई भी शिक्षक अपनी ड्यूटी से केके पाठक के कार्यकाल में नदारद नहीं देखा जा रहा था. भाजपा ने केके पाठक पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया था. राजद, जदयू के एमएलसी भी केके पाठक के आदेशों के खिलाफ राज्यपाल के पास शिकायत लेकर पहुंचे थे.
केके पाठक 1990 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. उनकी शुरुआती पढ़ाई यूपी से हुई थी, 1990 में कटिहार जिले में उनकी पहली पोस्टिंग हुई. 1996 में केके पाठक डीएम के पद पर तैनात हुए थे. 2015 में आबकारी नीति लागू करने में केके पाठक का अहम योगदान रहा था. 2023 में मध्य निषेध विभाग से हटाकर केके पाठक को बिहार शिक्षा विभाग का अपर मुख्य सचिव बनाया गया था. केके पाठक के कामों की तारीफ राज्य के सीएम नीतीश कुमार ने भी कई मौकों पर की थी.
केके पाठक के इस इस्तीफे को अभी तक सरकार ने स्वीकार नहीं किया है. बीते 8 जनवरी से केके पाठक छुट्टी पर थे, छुट्टी पर जाने का कारण उन्होंने स्वास्थ्य कारण बताया था. केके पाठक की अनुपस्थिति में आईएएस अधिकारी बैद्यनाथ यादव पदभार संभाल रहे हैं.
हालांकि कई मीडिया ख़बरों में इस बात का भी दावा किया जा रहा है कि केके पाठक ने इस्तीफा नहीं दिया है, वह बस 16 जनवरी तक के लिए छुट्टी पर गए है. इसी छुट्टी के पत्र को परित्याग पत्र की तरह देखा जा रहा है.