केंद्र की मोदी सरकार साल 2014 के लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान स्मार्ट सिटी मिशन की घोषणा की थी. हालांकि, सरकार बनाने के एक साल बाद साल 2015 में केंद्र सरकार ने इसकी घोषणा की. केंद्र सरकार ने भारत के 100 शहरों पांच सालों के अंदर ‘स्मार्ट सिटी’ बनाने की घोषण की. जिससे इन शहरों में मौजूद खराब इंफ्रास्ट्रक्चर और घटिया सार्वजनिक सेवाओं को दुरुस्त कर लोगों को एक सुविधाजनक सेवा दिया जा सके.
बिहार से चार शहरों का चयन स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए हुआ जिसमें पटना का चयन जुलाई 2017 में हुआ था. पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने पटना को स्मार्ट शहर बनाने के लिए प्रोजेक्ट को दो हिस्सों में बनाया. एक हिस्सा क्षेत्र आधारित विकास (ABD) और दूसरा हिस्सा पटना नगर निगम के तहत आने सभी अंचलों (Pan City project) के लिए बनाया गया.
एबीडी डेवलपमेंट में गांधी मैदान में मेगा स्क्रीन, मंदिरी नाला का निर्माण, अदालतगंज तालाब का पुनर्निर्माण, आईसीसीसी पीएससीएल बिल्डिंग का निर्माण, सरकारी भवनों पर सोलर रूफटॉप लगाना, इंटरमीडिएट पब्लिक ट्रांसपोर्ट स्टैंड का निर्माण, छह स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करना, वीरचंद पटेल पथ का पुनर्निर्माण, सबवे का निर्माण, लिंक रोड, ई-टॉयलेट का निर्माण, 3D वॉल पेंटिंग एंड मूर्ति का निर्माण, एस.के. मेमोरियल परिसर का नवीनीकरण, हैप्पी स्ट्रीट, मल्टी मॉडल ट्रांसिट हब, Facade Lighting, मल्टीलेवल पार्किंग और पटना जंक्शन पर ROB का निर्माण, एबीडी क्षेत्र के छह स्कूलों की सुविधाओं में विस्तार करना शामिल किया गया.
निगम क्षेत्र में आने वाले सभी अंचलों के प्रत्येक वार्ड में जन सेवा केंद्र का निर्माण, ठोस कचरा प्रबंधन और एकीकृत नियंत्रण और कमान केंद्र (ICCC) का निर्माण किये जाने का लक्ष्य रखा गया.