पटना नगर निगम के अंदर छह अंचल और 75 वार्ड हैं जो 10,887.84 हेक्टेयर में फैला हुआ है. निगम के अनुसार इन 75 वार्ड में 37,41,652 लोग (आंकड़े 2011 की जनसँख्या के अनुसार हैं) रहते हैं. इतने बड़े क्षेत्र और उसमें रहने वाले लोगों की सेहत और स्वच्छता की जिम्मेदारी पटना नगर निगम के जिम्मे हैं. मानसून सीजन में निगम की जिम्मेदारी और ज्यादा बढ़ जाती है क्योंकि इस समय जल जमाव से होने वाली समस्या और बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है. मच्छरों के रोकथाम के लिए नियमित फॉगिंग और लार्वासाइड्स के छिड़काव साथ ही निगम को जल निकासी, नाला उड़ाही और कचरा उठाव का भी विशेष ध्यान रखना होता है.
पिछले वर्ष जुलाई से नवंबर महीने तक मानसून के बीच राज्य में डेंगू के 20,220 मामले मिले थे. जिनमें 10 हजार से अधिक मरीज पटना से शामिल थे. इनमें भी निगम क्षेत्र में आने वाले पाटलिपुत्र अंचल में डेंगू मरीजों की संख्या अधिक रही थी. इसके बाद बांकीपुर, नूतन राजधानी अंचल, अजीमाबाद, कंकड़बाग और पटना सिटी अंचल से मरीजों की संख्या अधिक रही थी. इस साल 30 अगस्त 2024 तक 227 डेंगू मरीजों की पुष्टि हुई है.
चार जुलाई से शुरू हुए एंटीलार्वल छिड़काव अभियान में निगम सवा लाख घरों तक पहुंचने का दावा कर रहा है. इस अभियान के लिए 500 टीम बनाई गई है जो सुबह-शाम दो शिफ्ट में छिडकाव कर रही है. लेकिन इसके बाद भी कई मोहल्लों में अबतक लार्वासाइड्स का छिड़काव नहीं हुआ है.
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