रविवार को देश के 571 शहरों में NEET-UG की परीक्षा का आयोजन किया गया था. इसके लिए देशभर में 4750 केंद्र बनाए गए थे. इस परीक्षा में करीब 24 लाख छात्र शामिल हुए थे. पटना में भी 68 परीक्षा केंद्र NEET की परीक्षा के लिए बनाए गए थे, जिसमें पेपर लीक होने की सूचना मिल थी.
बिहार की राजधानी पटना में NEET-UG का पेपर लीक की सूचना के बाद FIR दर्ज किया गया था. जिसके बाद पटना पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर ही कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी. हिरासत में लिए गए लोगों में NEET के परीक्षार्थी भी शामिल थे.
जांच के लिए SIT का गठन
अब पटना पुलिस ने NEET-UG परीक्षा धांधली के मामले में SIT का गठन किया है. सिटी एसपी सेंट्रल के नेतृत्व में गठित SIT में दो डीएसपी रैंक के ऑफिसर, 6 इंस्पेक्टर और तकनीकी सेल के पुलिसकर्मी को भी शामिल किया गया है. गठित SIT एक-एक गिरफ्तार लोगों को रिमांड पर लेकर प्रश्न पत्र लीक मामले में पूछताछ करेगी. पुलिस ने छात्र आयुष राज को भिरासत में लिया, जिसने एक रात पहले ही प्रश्न पत्र मिलने का दावा किया था. आयुष ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि उसके साथ करीब 25 अभ्यर्थियों को प्रश्न पत्र मिला और उत्तर रटवाया गया था.
मास्टरमाइंड पुलिस गिरफ्त से दूर
NEET-UG पेपर लीक मामले में संजीव सिंह को पुलिस ने मास्टरमाइंड बताया है. पुलिस संजीव सिंह के साथ उसके गुर्गे रॉकी समेत अन्य आरोपियों की तलाश में लगी हुई है. पुलिस का मानना है कि मास्टरमाइंड के हाथ लगने के बाद पेपर लीक मामले का राज सामने आ जाएगा. संजीव की तलाशी के लिए पुलिस ने पटना समेत कई जिलों में छापेमारी भी की है.
पटना DSP ने पूरे मामले पर कहा कि पुलिस पेपर लीक मामले को गंभीरता से ले रही है. बारीकी से जांच के बाद जो तथ्य सामने आए हैं उनके आधार पर कार्रवाई की जाएगी. SIT की टीम गैंग के सभी सदस्यों को पकड़ेगी.
NTA का दावा
हालांकि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी(NTA) ने पेपर लीक के खबरों का खंडन किया था. NTA ने कहा कि राजस्थान के सवाई माधोपुर के एक परीक्षा केंद्र पर हिंदी माध्यम के छात्रों ने शिकायत की है कि उन्हें अंग्रेजी मीडियम के पत्र दिए गए हैं. गलत प्रश्न पत्र वितरण के मामले को NTA ने स्वीकार किया है और पेपर लीक की खबरों को पूरी तरह से झूठ और निराधार बताया था.