बिहार सीएम नीतीश कुमार आज अपने विदेश दौरे से देर रात लौटेंगे. सीएम फिलहाल विदेश में है तो इधर बिहार में उनके कैबिनेट विस्तार की चर्चा तेज हो गई है. कहा जा रहा है कि सीएम नीतीश कुमार बिहार लौटेंगे और उसके कुछ दिनों के बाद अपने कैबिनेट का विस्तार कर सकते हैं. दरअसल एनडीए सरकार के गठन को एक महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है, लेकिन अभी तक नीतीश कैबिनेट का विस्तार नहीं हुआ है.
बीते कुछ दिनों से लगातार खबरों में कैबिनेट विस्तार को लेकर नई तारीखों के कयास लगाया जा रहे थे. खबरों के मुताबिक सीएम नीतीश कुमार विधान परिषद के चुनाव के ठीक बाद कैबिनेट का विस्तार करेंगे.
15 मार्च को मंत्रिमंडल का विस्तार
राजनीतिक गलियारे से मिली खबर के मुताबिक सीएम 14 मार्च को विधान परिषद के चुनाव के बाद अगले दिन 15 मार्च को मंत्रिमंडल विस्तार करेंगे. इसके पहले दिल्ली में भाजपा नेताओं के साथ सीएम कैबिनेट विस्तार को लेकर मीटिंग भी करेंगे. मीटिंग में सीट शेयरिंग, मंत्री पद को लेकर फाइनल राउंड की बातचीत हो सकती है. हो सकता है कि मंत्रिमंडल में भाजपा की ओर से किसी नए चेहरे को मौका दिया जाएगा. वैसे भी चुनाव बिल्कुल सर पर है ऐसे में जातीय और क्षेत्रीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए भाजपा अपने नए मोहरे को आगे कर सकती है. वहीं जदयू पुराने ही चेहरे पर अपना भरोसा दिखाते हुए मंत्री पद सौंपेगी, लेकिन हो सकता है कि मंत्रियों के विभागों में फेरबदल किया जाए.
नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में 8 मंत्री शामिल है, जिसमें सीएम को मिलाकर 9 मंत्री हैं.
सीएम नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण में डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने भी मंत्री पद की शपथ ली थी. इसके अलावा 6 और मंत्रियों के पास फिलहाल आधा दर्जन से ज्यादा महकमों जिम्मा है, जिससे विभागों के काम की गति पर असर हो रहा है.
राज्य कैबिनेट में सीएम नीतीश कुमार के अलावा जदयू और बीजेपी से तीन-तीन, हम से एक और एक निर्दलीय विधायक मंत्री हैं. डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा के पास 9-9 विभागों की जिम्मेदारी है. जबकि अन्य मंत्रियों के पास दो से लेकर पांच विभाग को तक का जिम्मा है. बिहार कैबिनेट की क्षमता 36 है ऐसे में अधिकतम 26 और मंत्री की जरूरत है.
विपक्ष की ओर से मंत्रिमंडल के विस्तार को कई बार मुद्दा भी बनाया जा चुका है.