नीतीश सरकार ने तेजस्वी के कार्यकाल के 800 करोड़ रुपये से अधिक के टेंडर किए रद्द

विभागीय जांच के दौरान महागठबंधन की सरकार के दौरान पीएचईडी प्रक्रिया में अनियमितता पाई गई, जिसके कारण 826 करोड़ रुपए के 350 जारी हुए टेडरों को रद्द किया गया है.

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नीतीश और तेजस्वी

नीतीश और तेजस्वी

सीएम नीतीश कुमार(Nitish Kumar) महागठबंधन के साथ मिलकर बिहार में सरकार चला रहे थे. इस महागठबंधन सरकार के दौरान उन्होंने तेजस्वी यादव के साथ मिलकर 800 करोड़ रुपए से ज्यादा के टेंडरों को अपनी मंजूरी दी थी, जिसे अब सीएम ने रद्द कर दिया है. तेजस्वी यादव के कार्यकाल में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) में 826 करोड़ रुपए के 350 जारी हुए टेडरों को रद्द किया गया है. अब नए सिरे से इन टेंडरों के लिए आमंत्रण लिए जाएंगे और फिर से प्रक्रिया शुरू होगी.

मंगलवार को पीएचईडी मंत्री नीरज कुमार बबलू ने इसकी जानकारी साझा की. मंत्री नीरज ने बताया कि विभागीय जांच के दौरान प्रक्रिया में अनियमितता पाई गई, जिसके बाद इन टेंडरों को रद्द करने का फैसला लिया गया. बाकी बचे टेंडरों की जांच चल रही है. आने वाले दिनों में जांच के बाद और भी गड़बड़ी वाले टेंडर आ सकते हैं.

महागठबंधन की सरकार 17 महीने चली

मंत्री नीरज ने आगे बताया कि मुख्यमंत्री के हर घर नल का जल संकल्प को पूरा करने के लिए भी जल्द नए सिरे से टेंडर जारी किया जाएगा. रद्द किए गए टेंडरों में से ज्यादातर टेंडर ग्रामीण इलाकों में चापाकल लगाए जाने पर, जल की छोटी बड़ी स्कीमों से जुड़े हुए हैं. 

बता दें कि बीते दिनों एनडीए सरकार बनने के बाद डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने कहा था कि राजद कोटे के विभाग से जारी हुए टेंडरों की जांच की जा रही है. अनियमितता पाए गए विभागों में उचित कार्रवाई की जाएगी.

 गौरतलब है कि बिहार में महागठबंधन की सरकार 17 महीने चली थी, इस दौरान नीतीश कुमार सीएम थे और डिप्टी सीएम के पद पर तेजस्वी यादव तैनात थे. इस दौरान पीएचईडी विभाग में 4600 करोड़ रुपए के 1160 टेंडर को जारी किया था. इस समय पीएचईडी विभाग के मंत्री ललित यादव थे. बाद में 26 जनवरी को महागठबंधन की सरकार टूटी और बिहार में जदयू-भाजपा ने बिहार की कमान संभाली. बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद पीएचईडी विभाग का जिम्मा डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा को दिया गया, जिस पर उन्होंने समीक्षा कर कार्रवाई करने का फैसला सुनाया था. उन्होंने कहा था कि ग्रामीण नल जल योजना के टेंडर में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायत मिली है, जिसकी जांच की जाएगी.

Action mode of Nitish government Nitish Kumar 800 crores tenure canceled