इजराइल और हमास के बीच में चल रहे जंग के बीच गाज़ा पट्टी से लगातार हैरान कर देने वाली खबरें सामने आती रही है. गाज़ा पट्टी में बच्चों से लेकर बूढों तक की जिंदगी जंग की वजह से तबाह हो गई है, वहीं जो बच्चे अभी इस दुनिया में आए भी नहीं हैं उनकी भी स्थिति नाजुक है. साथ ही जन्म देने वाले मां की भी स्थिति काफी खराब है.
गाज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इजराइली हमले से गाज़ा की हालत काफी बुरे हैं. गाज़ा में फिलहाल 60 हजार से ज्यादा गर्भवती महिलाएं कुपोषण की शिकार है. शहर में गर्भवती महिलाओं का संख्या की संख्या काफी ज्यादा है. हर दिन 160 से ज्यादा गर्भवती महिलाएं बच्चों को जन्म दे रही है. बच्चों का जन्म ध्वस्त हो चुके अस्पतालों के अंदर ही कराया जा रहा है. खराब हालातो में ही महिलाओं की डिलीवरी हो रही है.
गाज़ा की आबादी में 49% महिलाएं शामिल
8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर गाज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया कि गाज़ा पट्टी में लगभग 60 हजार गर्भवती महिलाएं कुपोषण की शिकार है. महिलाओं के पास पर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल के लिए भी सामान नहीं है. गाज़ा की आबादी में 49% महिलाएं शामिल हैं, जिनमें बच्चा पैदा करने की उम्र का एक बड़ा हिस्सा भी है. बम, बारूद और लगातार गोलीबारी हमलों की वजह से महिलाएं असुरक्षित होकर अपना घर छोड़ रही है और खराब परिस्थितियों का सामना कर रही है. इन परिस्थितियों के बीच भी लगभग 5000 महिलाएं हर महीने बच्चों को जन्म दे रही है.
19 फरवरी को संयुक्त राष्ट्र बालकोष यूनिसेफ ने भी बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान करने वाली मां के बीच कुपोषण को लेकर चिंता जताई थी. यूएन ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि गाज़ा में इजरायली हमलों के बाद बच्चों और महिलाओं की हालत काफी दयनीय है. इजराइल के हमलों की वजह से गाज़ा में खाना, पानी, दवा और ईंधन की भारी कमी है. इजरायल ने गाज़ा में पूरी घेराबंदी कर रखी है, जिसकी वजह से जरूरत के सामानों को भी पहुंचाने में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा शहर में महामारी और डॉक्टर सहायता की कमी के कारण भी स्वास्थ्य संकट गहराया हुआ है.