मंगलवार को सदन में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की बात गुंजी. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि बिहार विशेष राज्य के दर्जी की श्रेणी में आना तो चाहता है, लेकिन वह आवश्यक मानदंडों को पूरा नहीं करता है. वित्त राज्य मंत्री के इस बात के बाद नीतीश कुमार के सपने पर एक बार फिर से पानी फिर गया है.
वित्त राज्य मंत्री जदयू के अध्यक्ष ललन सिंह के विशेष राज्य दर्ज की मांग पर पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे. पंकज चौधरी के अनुसार यूपीए काल के दौरान अंतर मंत्रालीय समूह के IMG रिपोर्ट की सिफारिश को ध्यान में रख, विशेष राज्य के आवश्यक मानदंडों को बिहार पूरा नहीं करता है.
केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि योजना सहायता के लिए विशेष श्रेणी का दर्जा अतीत में राष्ट्रीय विकास परिषद द्वारा कुछ राज्य को दिया गया था. जिनमें कई विशेषताएं थी, जिन पर विशेष विचार की जरूरत थी. इन विशेषताओं में पहाड़ी और दुर्गम इलाके थे, कम जनसंख्या घनत्व या जातीय आबादी का बड़ा हिस्सा, पड़ोसी देशों के साथ सीमा, आर्थिक और ढांचागत पिछड़ापन यह सभी शामिल है. इन्हीं सब को देखकर राज्य को विशेष राज्य का दर्जा दिया जा सकता है. बिहार जिन मानकों पर विशेष राज्य के दर्ज की मांग कर रहा है वह आवश्यक मानदंडों के अंतर्गत नहीं आता है. केंद्र सरकार ने नीतीश सरकार को मानदंडों का हवाला देते हुए चुनाव में भुनाने वाले इस मुद्दे पर विराम लगा दिया है.