बिहार की राजधानी पटना में बीते दिनों एक होटल में लगी आग हो गई थी. पटना जंक्शन के पास गुरुवार को होटल पाल और अमृत में लगी भयानक आग ने 6 लोगों की जिंदगी को निगल लिया था. वही 20 से ज्यादा लोग इस भयानक आग में झुलस गए थे. इस घटना के बाद पूरे देश में इस आगलगी की चर्चा होने लगी, साथ ही होटल के सेफ्टी मेजर पर भी सवाल उठने लगे. पाल होटल में लगी आग ने अब पटना के प्रशासनिक अधिकारियों की नींद को तोड़ा है.
कई होटल में चला जांच अभियान
शुक्रवार को पटना जिलाधिकारी, एसएसपी ने अधिकारियों को निर्देश देकर कोतवाली थाना क्षेत्र के कई होटलों में फायर सेफ्टी को लेकर सघन जांच अभियान चलाया. जांच में पाया गया कि पटना के कई होटलों में फायर सेफ्टी के मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है. ज्यादातर होटलों में फायर सेफ्टी को नजरअंदाज किया गया है. कई होटल ऐसे भी हैं जिसमें सीढ़ियां काफी संकरी है, ऐसे में आग लगने या किसी इमरजेंसी हालत में जान बचाने में मुश्किल होगी. जांच में जिन होटलों में गड़बड़ी पाई गई है उन पर एसडीएम ने कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. एसडीएम में आगे भी सघन अभियान जारी रखने के लिए आदेश दिया है.
सदर एसडीएम श्रीकांत कुंडली खांडेकर ने बताया कि कई होटल ऐसे भी मिले हैं, जिन्होंने 2021 के बाद फायर ऑडिट नहीं कराया है. वहीं कई होटल में काफी संकीर्ण रास्ते बनाए गए हैं. इसके साथ ही कई होटल में सेफ्टी सिलेंडर भी नहीं है. इन तमाम होटलों पर कार्रवाई की जाएगी.
वैकल्पिक रास्ता नहीं था
बता दें कि गुरुवार को पाल होटल और अमृत होटल में खाना बनाने के दौरान आग लग गई थी, जिससे कई लोग होटल के अंदर फस गए थे. होटल के अंदर फंसे लोगों को निकलने के लिए रास्ता भी नहीं मिल रहा था क्योंकि होटल के गेट पर आग लगी रही. इसके साथ ही होटल में और कोई वैकल्पिक रास्ता निकालने के लिए नहीं बनाया गया था. अगर निकलने के लिए दूसरा रास्ता होता तो लोग होटल की आग में नहीं झुलसते. जिस होटल में आग लगी उसके भोजनालय में ही एसी और फ्रिज का आउटलेट्स लगाया गया था. होटल मालिक की लापरवाही की वजह से आग लगी. पुलिस ने होटल मालिक पर भी अब कार्रवाई करने की कवायत शुरू की है.