राजधानी पटना के मोइन-उल-हक स्टेडियम में पिछले दिनों रणजी ट्रॉफी का आयोजन हुआ था. स्टेडियम में मुंबई और बिहार के बीच में मैच को लेकर खबरें सुर्ख़ियों में थी. मैच के दौरान स्टेडियम का फोटो-वीडियो काफ़ी वायरल हुआ था. स्टेडियम में जगह-जगह पर ना बैठने की चेतावनी लगाई गई थी, साइन बोर्ड में लिखा गया था कि किसी भी अनहोनी की जवाबदेही बीसीए की नहीं होगी. पवेलियन की हालत जर्जर थी, बैठने वाली जगह पूरी तरह से टूट गई थी और वहां कचरा फेंका हुआ था.
एक समय पर इंटरनेशनल क्रिकेट का आयोजन इसी स्टेडियम में कराया गया था. मोइन उल हक स्टेडियम में जिंबॉब्वे और केन्या के बीच में वर्ल्ड कप मैच का आयोजन किया जा चुका है. 1969 में मोइन उल हक स्टेडियम का निर्माण पूरा हुआ था, जिसके बाद इसी साल वर्ल्ड कप मैच का आयोजन हुआ था. इस स्टेडियम में 25,000 दर्शकों के बैठने की क्षमता है. निर्माण के बाद से इस स्टेडियम में रणजी के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण मैच हुए हैं. लेकिन स्टेडियम के रिनोवेशन और सही देख-रेख न होने से स्टेडियम पूरी तरह से जर्जर हो चुका है.
मोइन-उल-हक स्टेडियम का पुनर्विकास
लेकिन अब इसकी दयनीय स्थिति से क्रिकेट प्रेमी रुआंसे से हो गए थे. नीतीश सरकार ने क्रिकेट प्रेमियों की इस हालत को भांप लिया और सोमवार को राज्य में खेल विभाग का गठन कराया गया. खेल विभाग को नए मंत्री जितेन्द्र कुमार राय भी मिले. अब इन सबके बाद डिप्टी सीएम ने मोइन-उल-हक स्टेडियम के पुनर्विकास करने का जिम्मा लिया है.
बुधवार को डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने इसको ले कर समीक्षा बैठक की. इस बैठक की जानकारी भी डिप्टी सीएम ने अपने एक्स अकाउंट पर साझा की. तेजस्वी यादव ने घोषणा करते हुए बताया कि स्टेडियम को वर्ल्ड क्लास बनाया जाएगा. उन्होंने एक्स पर लिखा आज मोइन-उल-हक स्टेडियम के पुनर्विकास एवं नवनिर्माण संबंधित समीक्षा बैठक की. यहां बनने वाले वर्ल्ड क्लास इंटरनेशनल स्टेडियम में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, फाइव स्टार होटल, रेस्टोरेंट, बेहतर ड्रेनेज सिस्टम, पार्किंग व्यवस्था, पटना मेट्रो के साथ-साथ अन्य विश्वस्तरीय सुविधाओं की भी व्यवस्था होगी. दो हफ़्तों में DPR काम पूरा कर अग्रिम कारवाई करने के निर्देश दिए.
स्टेडियम की इस बदइंतजामी और बदतर हालत को देखने के बाद पूर्व क्रिकेटर वेंकटेश प्रसाद ने भी नाराजगी जाहिर की थी. वेंकटेश प्रसाद ने बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को जमकर फटकार लगाते हुए ट्वीट किया कि यह अस्वीकार्य है. रणजी ट्रॉफी भारत की प्रमुख घरेलू प्रतियोगिता है और अब समय आ गया है कि सभी हितधारक इसके महत्व को समझे. राज्य संघ द्वारा इसमें सुधार नहीं करने का कोई कारण नजर नहीं आता है.
बताते चलें कि 12 जनवरी से एक और रणजी का मैच यहां स्टेडियम में शुरू होने जा रहा है.