1 सितंबर से राजधानी पटना के सड़कों पर डीजल बसों के परिचालन पर पूर्ण प्रतिबंध लग रहा है. पटना जिला नगर निगम, दानापुर नगर परिषद, खगौल नगर परिषद, फुलवारी नगर परिषद में डीजल गाड़ी, मिनी, स्कूल बस को बंद किए जाने का निर्णय लिया गया है. पटना डीएम डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह ने परिवहन संबंधित बैठक में फैसले लिया. जिसके लिए डीएम ने परिवहन पदाधिकारी को निर्देश दे दिया है.
डीएम ने कहा कि पटना शहरी क्षेत्र में बढ़ रहे प्रदूषण के खतरे को देखते हुए मोटर यान अधिनियम 1988 की धारा 115 में अंतरनिर्हित शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए राज्य सरकार द्वारा पटना नगर निगम, दानापुर नगर परिषद, खगौल नगर परिषद, फुलवारी नगर परिषद क्षेत्र की सीमा में सभी तरह के डीजल चलित गाड़ियों के परिचालन पर 1 सितंबर 2024 से प्रतिबंध लगाया गया है.
डीएम ने आगे कहा कि इस फैसले के बाद बस संघ की ओर से जो मांग और चिंता है उसे प्रशासन सरकार तक पहुंचाएगी.
इस फैसले से राजधानी में निजी स्कूलों की मुश्किलें बढ़ सकती है. दरअसल शहर के स्कूलों की अधिकतर से डीजल चलित मिनी बस और बड़ी बस शामिल है. 31 अगस्त तक इन क्षेत्रों में इस्तेमाल हो रहे डीजल वाहनों को सीएनजी इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलना होगा.
बता दें कि इसके पहले भी शहर में डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाया गया था. 2019 में राजधानी में 15 से 20 साल पुराने वाहनों पर रोक लगाया गया था. पिछले साल 30 सितंबर की आधी रात से राजधानी में डीजल बसों पर रोक लगा दी गई थी. जिसमें कमर्शियल तिपहिया वाहन भी शामिल थे.