पीएम मोदी शनिवार 25 मई को बिहार के बिक्रम में जनसभा को संबोधित किया. यहाँ पीएम मोदी ने RJD और INDIA गठबंधन पर प्रहार करते हुए कहा “मोदी के लिए संविधान सर्वोपरी है. मोदी के लिए बाबा साहब आंबेडकर की भावना सर्वोपरी है. INDIA गठबंधन वालों को अपने वोट बैंक की गुलामी करनी है तो करें. उनकों वहां जाकर मुजरा करना है तो भी करें. मैं SC ST और OBC के आरक्षण के साथ डटकर खड़ा हूं, खड़ा रहूँगा.”
पीएम मोदी के इसी बयान (PM's Mujra statement) के बाद सियासी माहौल गर्म हो गया. सोशल मीडिया एक्स पर मुजरा शब्द ट्रेंड कर रहा है. वहीं कई लोग इसकी आलोचना कर रहे हैं.
बिहार पूर्व डिप्टी CM तेजस्वी यादव ने भी इसपर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए मीडिया से कहा “प्रधानमंत्री जिस तरह की भाषा का प्रयोग कर रहे हैं यह उनके समर्थकों को भी अच्छा नहीं लगेगा.”
तेजस्वी ने कहा “जैसे जैसे चुनाव आगे बढ़ रहा है पीएम की भाषा में भारी गिरावट आ रही है. वे ऐसी भाषा बोला रहे हैं जो विरोधियों को तो छोड़ दीजिए उनके समर्थकों को भी अच्छी नहीं लग रही है.”
आरक्षण पर बात करते हुए तेजस्वी ने कहा “पीएम से पूछिये, हमने लगभग पांच बार जाती आधारित जनगणना करवाने के लिए उन्हें पत्र लिखा था. लेकिन उन्होंने मना कर दिया. लेकिन हमने 17 महीने की सरकार में जाति आधारित जनगणना करवाई. ये वहीं पीएम हैं जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण ख़त्म करने का प्रयास किया था. प्रधानमंत्री के धमनी में ही ओबीसी, SC, ST के आरक्षण का विरोध है.
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा "हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनावी भाषण में 'मुजरा' शब्द का प्रयोग कर रहे हैं. PM मोदी सारी मर्यादाएं लांघ चुके हैं. उनका राजनीतिक पतन हो चुका है. ये नरेंद्र मोदी की महिला विरोधी मानसिकता को दर्शाता है. उन्हें देश की आधी आबादी से कान पकड़कर माफी मांगनी चाहिए."