PMCH का ओपीडी विश्वस्तरीय सुविधाओं से होगा लैस......... हकीकत या छलावा!

बिहार के बजट से 5 हजार 540 करोड़ रुपए PMCH को बनाने के लिए ख़र्च किए जा रहे है. ऐसे में आइए जानते है करोड़ों के इस वर्ल्ड क्लास निर्माणाधीन अस्पताल में व्यवस्थाएं कैसी हैं.

New Update
PMCH में व्यवथाएं कैसी

PMCH में ओटीपी की व्यवस्था

बिहार के बजट से 5 हजार 540 करोड़ रुपए PMCH को बनाने के लिए ख़र्च किए जा रहे है. बिहार में जहां स्वास्थ्य बजट का आधा हिस्सा PMCH को वर्ल्ड क्लास बनाने में ख़र्च हो रहा है. ऐसे में PMCH में जांच की मशीन पानी लगने से ख़राब होना प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठाता है.

Advertisment

बीते साल दिसम्बर तक अस्पताल में कई जांच मशीनें ख़राब थी. इसमें मुख्य रूप से एमआरआई (MRI), रेडियोलॉजी विभाग की सोनोग्राफी मशीन, गैस्ट्रोएंट्रोलाजी विभाग की इंडोस्कोपी, कोलोनोस्कॉपी और सिग्मावोडोस्कोपी शामिल थी.

एमआरआई के आलावे पीएमसीएच के गैस्ट्रोएंट्रोलाजी विभाग की कई जांच मशीनें ख़राब थी. इस विभाग में जांच की तीन प्रमुख मशीने इंडोस्कोपी, कोलोनोस्कॉपी और सिग्मावाडोस्कोपी खराब थी. जिसके कारण मरीज़ बाहरी जांच घरों में जांच करवाने को मजबूर दिखते थे.

साल 2021 के मार्च महीने में कैग द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया था कि बिहार के सरकारी अस्पतालों में 67% से 74% तक डायग्नोस्टिक सेवाओं की कमी हैं. जिसके कारण गरीब और मजबूर लोगों कों मज़बूरी में प्राइवेट संस्थानों में जांच करवाना पड़ता है.

world class hospital PMCH bihar cm nitish kumar condition of PMCH