साल 2016 में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराब पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगा दिया था. बिहार में शराबबंदी को 8 साल हो गए हैं. लेकिन राज्य में शराब पीने और बिकने के मामले में कोई कमी नहीं आई है. बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद 8 साल में 12 लाख 79 हज़ार लोग गिरफ़्तार हुए हैं.
अब तक इस कानून के तहत 8 लाख 43 हज़ार से ज़्यादा FIR दर्ज की की गई हैं. इतना ही नहीं शराबबंदी वाले राज्य में 8 साल में 3 करोड़ की 46 लाख लीटर शराब भी बरामद हुई है. जबकि ज़हरीली शराब से 266 लोगों की मौत की बात सामने आई, लेकिन जांच में 156 की पुष्टि हुई है. ये आंकड़े मद्य निषेध विभाग के हैं.
बिहार में शराब के अवैध कारोबार को रोकने के लिए पुलिस और एक्साइज़ डिपार्टमेंट को ज़िम्मेदारी सौंपी गई है. सरकारी आंकड़ों की बात करें तो एक अप्रैल 2016 से जून 2023 तक बिहार में शराबबंदी कानून के तहत 5 लाख से ज़्यादा केस दर्ज़ किए गए हैं. एक्साइज़ (आबकारी) विभाग ने 15 जून 2023 को बताया कि हर रोज़ औसतन 800 लोगों को शराबबंदी कानून तोड़ने के कारण गिरफ़्तार किया जाता है. 2021 से लेकर 2023 तक में आबकारी विभाग ने करीब 1400 लोगों को एक से ज़्यादा बार शराब पीने के ज़ुर्म में गिरफ़्तार किया गया है.