झारखंड का विधानसभा शीतकालीन सत्र तीसरे दिन मंगलवार को काफी हंगामेदार रहा था. हंगामें के बीच भाजपा के तीन विधायकों को स्पीकर रविंद्र नाथ महतो ने सस्पेंड कर दिया था, जिसमें से दो विधायकों को पूरे सत्र के लिए सस्पेंड किया गया है. भाजपा विधायक भानु प्रताप शाह, बीरांची नारायण और जीपी पटेल को 19 दिसंबर को सस्पेंड किया गया था. उनके सस्पेंशन के बाद नेता प्रतिपक्ष उमर बाउरी ने इस पर कार्रवाई के खिलाफ सदन में बहिष्कार की घोषणा कर दी थी और अपने विधायकों के साथ सदन से वॉकआउट कर दिया था. वहीं भोजनावकाश के बाद 8111.7 करोड़ रुपए का दूसरा अनुपूरक बजट भी पारित हुआ था.
मंगलवार को हंगामादार सदन के बाद कार्रवाई को बुधवार 11:00 बजे तक के लिए स्थगित किया गया था. सत्र के चौथे दिन की शुरुआत बुधवार को हुई.
आज भी विधानसभा में काफी हंगामा होने की खबर सामने आ रही है. कार्रवाई शुरू होने से पहले ही भाजपा के विधायकों ने सदन के बाहर अपना प्रदर्शन शुरू कर दिया है. विपक्ष ने नियोजन नीति को स्पष्ट करने को लेकर हेमंत सरकार को घेरा है. निकाले गए विधायक भी अलग अंदाज में ही विरोध करते हुए नजर आए.
सदन की कार्रवाई शुरू होते के साथ ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया. इसी बीच प्रश्न काल चलता रहा. अध्यक्ष ने बार-बार विधायकों से शांति से प्रश्न काल चलाने को कहा. प्रश्नकाल के दौरान ही कांग्रेस विधायक के इरफ़ान अंसारी ने भाजपा के विधायकों के लिए सहानुभूति जताई. उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष उमर बाउरी हैं, उन्हें छोड़कर भानु प्रताप सिंह, बीरांची नारायण जैसे लोग विरोध कर रहे हैं. इससे दिखता है कि दलित नेता का सम्मान नहीं हो रहा है.
कांग्रेस विधायक के इस बयान पर प्रतिपक्ष नेता अमर बाउरी ने भी जवाब देते हुए कहा कि इरफान अंसारी के सहानुभूति की जरूरत नहीं है. जिस तरह की टिप्पणी उन्होंने मुझ पर की है आज भी वह सोशल मीडिया पर मौजूद है. उन्हें अपने पार्टी की चिंता करनी चाहिए.
सदन में उमर बाउरी ने अपने तीनों विधायक के सस्पेंशन को वापस लेने के लिए भी आग्रह किया. हंगामे के बीच सदन के कार्रवाई को 12:30 बजे तक स्थगित कर दिया गया था. सदन में आज 1932 का खतियान आधारित झारखंडी पहचान विधेयक पटल पर पेश किया जा सकता है.