सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को पांच जजों की पीठ ने समलैंगिक विवाह को लेकर अपना फैसला सुनाया है.
सुबह चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने अपने फैसले में कहा था, कि समलैंगिक विवाह को लेकर कोर्ट कानून नहीं बना सकती है. बस व्याख्या कर सकती है. इसके साथ ही सीजीआई ने यह भी कहा था कि समलैंगिक समुदाय के खिलाफ भेदभाव रोका जाना चाहिए. और पुलिस वालों को भी समलैंगिक लोगों के साथ जोर जबरदस्ती करने से मना किया था.
समलैंगिक जोड़े को बच्चा गोद लेने की इजाजत नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने सेम सेक्स मैरिज को मान्यता देने से इनकार कर दिया है. यह फैसला 3-2 के मत से सुनाया गया है. पांच जजों की पीठ में जस्टिस कौल, जस्टिस एस रवींद्र भट्ट, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस नरसिम्हा ने अलग-अलग फैसला सुनाया है.
BBC के एक आर्टिकल के अनुसार समलैंगिक जोड़े को बच्चा गोद लेने की इजाजत नहीं है. हालांकि इस पर पांच जजों के बीच में राय बटी हुई है. सीजेआई चन्द्रचूड़ और जस्टिस एसके कौल ने इसका समर्थन किया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसलों में कहा कि संविधान मौलिक अधिकार के रूप में विवाह का अधिकार नहीं देता.