झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ऊपर प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) की कार्रवाई सख्ती से चल रही है. बीते शनिवार को ही ईडी ने सीएम के सरकारी आवास में घंटों तक जमीन घोटाला मामले में पूछताछ की थी. सीएम सोरेन के साथ-साथ ही उनके पिता भी केस-कचहरी के चक्कर काट रहे है.
झामुमो सुप्रीमो और राज्यसभा सदस्य शिबू सोरेन पर आय से अधिक संपत्ति का मामला चल रहा है. जिस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार कोअपना फ़ैसला सुनाया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने शिबू सोरेन की जांच रोकने की याचिका को खारिज कर दिया है. न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने सोमवार को इस पर फैसला सुनाया.
बीते साल 22 सितंबर को ही कोर्ट में इस मामले की सुनाई हुई थी, जिसके बाद फैसले को सुरक्षित रख लिया गया था.
निशिकांत दुबे ने लगाए थे आरोप
पूरा मामला साल 2020 का है जब गोड्डा जिला के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने शिबू सोरेन और उनके परिजनों पर सरकारी राशि का दुरुपयोग करने और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाते हुए लोकपाल में शिकायत की थी. लोकपाल से शिकायत कर शिबू सोरेन के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग कही थी. जिसे शिबू सोरेन ने चुनौती दी थी और उसे पर रोक लगाने की मांग करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. झामुमो सुप्रीमो ने अपने अधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल करते हुए सीबीआई के प्राथमिक जांच की कार्रवाई को चुनौती दी थी. इसी मामले पर दिल्ली हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है.
इस पूरे मामले पर शिबू सोरेन ने कहा है कि उनके खिलाफ मामला दुर्भावना पूर्ण और राजनीतिक वजहों से आरोप लगाया गया है. अब दिल्ली हाई कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद सीबीआई शिबू सोरेन के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में जांच शुरू कर सकती है.
निशिकांत दुबे का ट्वीट
दिल्ली हाईकोर्ट से आए फ़ैसले पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा है- आज दिल्ली हाईकोर्ट ने लोकपाल में दाखिल मेरे केस को सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए कहा और दख़लंदाज़ी से इनकार किया. कोर्ट ने कहा कि सोरेन परिवार के भ्रष्टाचार पर फ़िलहाल लोकपाल की कार्रवाई व CBI क़ानून सम्मत है. जय राम श्रीराम जय जय राम.