नीट पेपर लीक मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाया है. फाइनल फैसलें में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि नीट पेपर लीक सिस्टमैटिक फैलियर नहीं है. यह पेपर लीक सिर्फ हजारीबाग और पटना तक ही सीमित है. सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को विस्तार फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा कि यह पेपर लीक बड़े पैमाने पर नहीं हुआ है.
इसके पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि नीट परीक्षा दोबारा नहीं कराई जाएगी, क्योंकि इस बात का पर्याप्त सबूत नहीं है कि पेपर लीक का दायरा व्यापक था.
सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि केंद्र द्वारा गठित सिमित परीक्षा प्रणाली के साइबर सिक्योरिटी में संभावित कमजोरी की पहचान कर जांच की प्रक्रिया और परीक्षा केन्द्रों की सीसीटीवी निगरानी के लिए टेक्निकल एस्पेक्ट के लिए एसओपी तैयार करने पर विचार करें. कोर्ट ने एनटीए के संरचनात्मक प्रक्रियाओं की कमियों को भी उजागर किया है और उन्हें केंद्र को इसी साल ठीक करने के लिए भी कहा ताकि भविष्य में ऐसा फिर ना हो.
सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए के कामकाज की समीक्षा करने और परीक्षा सुधार के सिफारिश करने के लिए इसरो के पूर्व अध्यक्ष के राधाकृष्णन के अध्यक्षता में केंद्र द्वारा नियुक्त समिति के दायरे का विस्तार किया.
कोर्ट ने परीक्षा प्रणाली में खामियों को दूर करने के लिए इसरो अध्यक्ष की अध्यक्षता वाली समिति के रिपोर्ट दाखिल करने के समय सीमा 30 सितंबर तय की है.
कोर्ट ने कहा कि हमने नीट यूजी परीक्षा रद्द नहीं कि ऐसा इसलिए क्योंकि सुचिता का उल्लंघन नहीं पाया गया है. लेकिन एनटीए को जो स्थिति उत्पन्न हुई है, उसे खत्म करना चाहिए.
नीट यूजी की परीक्षा 5 मई को देशभर के 571 शहरों में आयोजित कराई गई थी. परीक्षा के लिए पूरे देशभर में 4,750 केंद्र बनाए गए थे. परीक्षा खत्म होने के बाद इसमें धांधली का आरोप लगा था.