स्वाति मालीवाल मारपीट केस में आरोपी बनाए गये बिभव कुमार बुधवार 29 मई को जमानत याचिका लिए दिल्ली हाईकोर्ट पहुंच गया है. बिभव कुमार ने जमानत के साथ-साथ अपनी गिरफ़्तारी को अवैध बताते हुए मुआवजे की भी मांग रखी है. बिभव कुमार ने गुरुवार 30 मई को मामले की सुनवाई की मांग की है. साथ ही दिल्ली पुलिस के अधिकारीयों के खिलाफ विभागीय जांच की भी मांग रखी है.
इससे पहले 25 मई को तीस हजारी कोर्ट ने बिभव कुमार कि जमानत याचिका दायर की थी. जिसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 27 मई को इसे खारिज कर दिया था.
रो पड़ी स्वाति मालीवाल
27 मई को तीस हजारी कोर्ट में सुनावाई के दौरान आरोपी बिभव कुमार के वकील हरिहरन कि दलीलें सुनकर मालीवाल रो पड़ी. दरअसल, सुनवाई के दौरान बिभव के वकील हरिहरन ने स्वाति मालीवाल पर आरोप लगाया कि स्वाति ने यह मामला पूरी तरह सोच समझकर तीन दिनों बाद दर्ज कराया है.
वकील ने आगे कहा स्वाति मालीवाल के सेंसिटिव बॉडी पार्ट्स पर चोट के निशान नहीं मिले हैं. इसलिए इससे गैर इरादतन हत्या का सवाल ही नहीं उठता है. जो चोट के निशान मिले हैं वह खुद से भी लगाई जा सकती हैं. साथ ही बिभव का स्वाति को निर्वस्त्र करने का कोई इरादा नहीं था.
हरिहरन की दलीले सुनकर स्वाति मालीवाल कोर्ट में ही रो पड़ी. बिभव कुमार की जमानत का विरोध करते हुए कहा अगर उसे जमानत मिली तो मुझे और मेरे परिवार की जान को खतरा हो सकता है.
इससे पहले स्वाति मालीवाल के पूर्व पति नविन जयहिंद ने भी दावा किया था कि स्वाति की जान को खतरा हैं.
मालीवाल ने कहा “बिभव कुमार कोई आम आदमी नहीं है. वह मंत्रियों को मिलने वाली सुविधाओं को इस्तेमाल करता है. मेरे बयान दर्ज करने के बाद AAP पार्टी के नेताओं ने प्रेस कांफ्रेंस कर मुझे BJP का एजेंट कहा. उनके पास एक बड़ी ट्रोल मशीनरी हैं. आरोपी को पार्टी नेता ही मुंबई लेकर गए हैं.”
बिभव के वकील ने तीस हजारी कोर्ट में कहा था कि “कोर्ट से केवल जमानत की मांग कर रहे हैं, बरी करने के लिए हमारी अपील नहीं है." हालांकि इसके बाद भी बिभव को जमानत नहीं मिली थी.