लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान बयानों का तीखा हमला जारी है. चुनाव प्रचार के दौरान वादों और दावों का सिलसिला भी जारी है. इसी बीच उन वादों और दावों के अलग-अलग मतलब निकाले जाने का दौर भी जारी है. हाल ही में कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गाँधी ने रैली के दौरान कहा था कि अगर उनकी सरकार आई तो वे जातिगत जनगणना के साथ-साथ फाइनेंशियल और इंस्टीट्यूशनल (उत्तराधिकार) सर्वे कराएँगे. राहुल गाँधी (Rahul Gandhi) के इसी बयान के पर समाचार एजेंसी एएनआई ने कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा से एक इंटरव्यू के दौरान सवाल किया.
जिसपर इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा (Sam Pitroda) ने कहा कि भारत में विरासत टैक्स लगाने पर बहस होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अमेरिका में विरासत टैक्स लगता है. अगर किसी शख्स के पास 10 करोड़ डॉलर की संपत्ति है, उसके मरने के बाद 45 फीसदी संपत्ति उसके बच्चों को मिलती है, जबकि 55 फीसदी संपत्ति सरकार के पास चली जाती है. यह एक बड़ा ही दिलचस्प कानून है.
पित्रोदा ने आगे कहा कि भारत में ऐसा कोई कानून नहीं है. यहां अगर किसी के पास 10 अरब रुपए की संपत्ति है. उसके मरने के सारी प्रॉपर्टी बच्चों को मिल जाती है. जनता के लिए कुछ नहीं बचता. मुझे लगता है कि इस तरह के मुद्दों पर लोगों को चर्चा करनी चाहिए.
सैम पित्रोदा के इसी बयान के बाद बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर हो गयी है. वहीं कांग्रेस ने भी पित्रोदा के इस बयान किनारा कर लिया है.
पित्रोदा के विचारों से पार्टी का कोई लेना-देना नहीं
सैम पित्रोदा के विरासत टैक्स को लेकर दिए गये बयान के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इसे उनका निजी विचार बताया है. जयराम रमेश ने कहा “लोकतंत्र में हर शख्स को उनके निजी विचारों पर चर्चा करने और अपनी राय रखने की स्वतंत्रता है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि पित्रोदा के विचार हमेशा कांग्रेस की राय से मेल खाते हो. कई बार ऐसा नहीं होता है. उनकी टिप्पणी को सनसनीखेज बनाकर पेश किया जा रहा है.
रमेश ने आगे कहा- “पित्रोदा के बयानों को प्रधानमंत्री मोदी के दुर्भावनापूर्ण चुनावी कैंपेन से ध्यान भटकाने के लिए जानबूझकर गलत संदर्भ में पेश किया जा रहा है.”
दूसरी तरफ बीजेपी प्रवक्ता अमित मालवीय ने ट्वीट करके कहा है कि ‘कांग्रेस ने भारत को बर्बाद करने का फैसला किया है.’ अमित मालवीय ने ट्वीट किया, “कांग्रेस ने भारत को बर्बाद करने का फैसला किया है. सैम पित्रोदा संपत्ति का पुनर्वितरण करने के लिए 50 फीसदी इनहेरिटेंस टैक्स की वकालत कर रहे हैं. इसका मतलब है कि जो कुछ भी आपने अपनी कड़ी मेहनत से बनाया है उसका 50 फीसदी छीन लिया जाएगा. कांग्रेस अगर आती है तो इसके बावजूद कि हमने कितना भी टैक्स दिया है 50 फीसदी चला जाएगा.”
वहीं बीजेपी नेता और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने इसे कांग्रेस पार्टी से जोड़ते हुए कहा परिवार के सलाहकार सच कह रहे हैं. कांग्रेस लोगों के मेहनत की कमाई लूटना चाहती है.
वहीं विवाद बढ़ने के बाद पित्रोदा ने सफाई देते हुए कहा “ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया. किसने कहा कि 55 फीसदी संपत्ति छीन ली जाएगी? किसने कहा कि ऐसा कुछ भी भारत में किया जाएगा? BJP और मीडिया इतना घबराया क्यों हुआ है?