क्या है बिहार के यूनिवर्सिटीज में वोकेशनल कोर्स का सच?

बिहार के विश्वविद्यालयों के कॉलेज में वोकेशनल कोर्स के नियमित शिक्षक नियुक्त नहीं किए जाते है. कॉलेज में इन कोर्स का संचालन अतिथि शिक्षकों के माध्यम से संचालित किया जाता है.

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बिहार के यूनिवर्सिटीज में वोकेशनल कोर्स

बिहार के यूनिवर्सिटीज में वोकेशनल कोर्स

राजभवन बिहार की वेबसाइट के अनुसार बिहार में कुल 17 राज्य विश्वविद्यालय है. वहीं सेंट्रल, डीम्ड और प्राइवेट यूनिवर्सिटी को मिला दें तो यह संख्या 37 हो जाएगी. वहीं बिहार में लगभग 1035 कॉलेज हैं. लेकिन राज्य स्तरीय विश्वविद्यालयों में वोकेशनल कोर्स का संचालन बिना किसी विभाग के किया जा रहा है.

वोकेशनल कोर्स की मांग को देखते हुए बिहार के विश्वविद्यालयों में भी इनका संचालन लम्बे समय से शुरू किया जा चुका है. हर साल हजारों की संख्या में छात्र विभिन्न वोकेशनल कोर्स में नामांकन लेते हैं. इसके बावजूद राज्य के विश्वविद्यालयों में अलग से वोकेशनल संकाय का निर्माण नहीं किया जा सका है. पारंपरिक विषयों से विपरीत वोकेशनल कोर्स में स्टूडेंट को एक विशेष विषय की जानकारी दी जाती है. इसमें छात्र को थ्योरी के अलावे प्रैक्टिकल जानकारी पर विशेष ध्यान दिया जाता है. इस पूरे विषय को इस तरह से तैयार किया जाता है, जिससे स्टूडेंट को कोर्स करने के बाद जॉब लेने में समस्या ना आए.

राज्य के विश्वविद्यालयों में बीसीए, एमसीए, बीबीए, एमबीए समेत कई वोकेशनल कोर्स के संकाय आज तक नहीं बनाये जा सके हैं. यही वजह है कि विभिन्न विश्वविद्यालयों के कॉलेज में वोकेशनल कोर्स के नियमित शिक्षक नियुक्त नहीं किए जाते है. कॉलेज में इन कोर्स का संचालन अतिथि शिक्षकों के माध्यम से संचालित किया जाता है. वहीं शैक्षणिक कार्यो के अलावा विभागीय कार्यो के लिए भी कर्मियों की नियुक्ति अनुबंध या अतिथि के तौर पर की जाती है.

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