सुबह के 11 बजे श्रीकृष्णापूरी वार्ड नंबर 21 में बंद पड़े जन सुविधा केंद्र के बाहर से लौट रही पिंकी देवी आयुष्मान भारत कार्ड बनवाने आई थी. लेकिन जनसेवा केंद्र बंद होने के कारण उन्हें वापस लौटना पड़ रहा था. हमारे टोकने पर पिंकी बताती हैं “मैं यही कृष्णापुरी में खाना बनाने का काम करती हूं. पता चला कि आयुष्मान कार्ड बनाया जा रहा है. किसी ने बताया कि डीलर के पास भी कार्ड बन रहा है लेकिन मैं जहां से राशन लेती हूं वहां कार्ड नहीं बनाया जा रहा है. इसलिए मैं यहां आई थी. लेकिन यह भी बंद है.”
बिहार सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के तहत राज्य के सभी राशन कार्ड धारकों को प्रत्येक वर्ष 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज प्रदान करने का निर्णय लिया है. राज्य में योजना की शुरुआत के पहले दिन से ही रिकॉर्ड स्तर पर कार्ड बनाने का क्रम जारी है.
2 मार्च से शुरू हुए इस अभियान में एक सप्ताह के अन्दर 1.03 करोड़ परिवारों को आयुष्मान कार्ड जारी किया गया है जो कि पुरे देश में सबसे ज्यादा है. प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना की चीफ एजक्युटिव ऑफिसर अलंकृता पांडेय के अनुसार बिहार ने एक दिन में 10 लाख कार्ड बनाकर रिकॉर्ड पेश किया है. अब यहां यह जानना जरुरी है कि आयुष्मान कार्ड बनाया कहां जा रहा है. सभी राशन कार्डधारी अपने नजदीकी राशन दुकान या कॉमन सर्विस सेंटर (वसुधा केंद्र) पर जाकर अपना कार्ड बनवा सकते हैं. वहीं इलाज की जरुरत पड़ने पर सूचीबद्ध अस्पताल में जाकर भी कार्ड बनवाया जा सकता है.
पिंकी देवी ने हमें बताया कि साइबर कैफे संचालक आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए 200 रूपए शुल्क ले रहे हैं. मजबूरी और भविष्य की सहूलियत के लिए लोग ज्यादा पैसे देकर भी कार्ड बनवाने के लिए तैयार हैं. जनसेवा केंद्र के बाहर पिछले एक साल से चाय कि दुकान चलाने वाले मोहित कुमार पूछने पर बताते हैं “अभी तीन दिन पहले केंद्र खुला था. बाहर काफी कचरा था इसकी साफ-सफाई भी उसी दिन हुई थी. कुछ लोग यहां कभी-कभी आते थे. मेरे दुकान पर आने वाले लोग बताते हैं कि वे लोग प्राइवेट कंपनी में काम दिलवाने का काम करते हैं.”
कृष्णापुरी स्थित जनसेवा केंद्र का उद्घाटन दिसम्बर, 2021 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा किया गया था. उस उद्घाटन समारोह में पूर्व उप मुख्यमंत्री रेणु देवी भी मौजूद रहीं थी. आमलोगों की सुविधा के लिए खोला गया यह केंद्र अपने उद्देश्यों को पूरा नहीं कर सका है.
साल 2021 में नौ वार्डों में हुआ था जनसेवा केंद्र का शुभारंभ
पटना स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट (Patna Smart City Project) के तहत नगर निगम के क्षेत्र में कुल 28 जन सुविधा केंद्र खोले जाने थे. जहां वार्ड पार्षदों के कार्यालय के साथ-साथ शिकायत और जनसुविधायें उपलब्ध कराने का भी लक्ष्य रखा गया था. लेकिन एजेंसी का चयन नहीं होने के कारण यह योजना धरातल पर नहीं उतर सकी. वहीं 2021 के अंत तक करोड़ों की लागत से बने नौ जनसुविधा केंद्र आज बंद हो चुके हैं.
कृष्णापुरी वार्ड नंबर 21 के नजदीक ही, एएन कॉलेज (वार्ड नंबर 22) के नजदीक बना जन सेवा केंद्र (Jan Seva Kendra) पर भी बंद पड़ा है. वार्ड पार्षद के अनीता देवी के अनुसार यह जन सुविधा केंद्र महीनों से बंद पड़ा है. अनीता देवी बताती हैं “हमने मीटिंग में बंद पड़े जन सेवा केंद्र के मुद्दे को उठाया था. यहां दोपहर दो से चार बजे तक अवैध रूप से कोचिंग चलाया जा रहा है. शिकायत करने पर चाभी देने की बात कही गयी है.” हालांकि अनीता देवी कहती हैं कि उन्होंने दुबारा चाभी लेने का प्रयास नहीं किया.
वहीं वार्ड 14 के पार्षद, श्वेता राय के प्रतिनिधि का कहना है कि जन सेवा केन्द्रों की शुरुआत में कहा गया था कि दो मंजिले भवन के उपरी तल्ले पर पार्षद का कार्यालय होगा और निचले तल्ले पर जन सुविधा केंद्र चलेंगे. लेकिन शुरू होने के कुछ ही महीनों बाद यह केंद्र बंद हो गया.
साल 2021 में गर्दनीबाग (वार्ड नंबर 14), श्री कृष्णापूरी (वार्ड नंबर 21), एएन कॉलेज (वार्ड नंबर 22), राजेन्द्र नगर (वार्ड नंबर 43), भूतनाथ रोड (वार्ड नंबर 46), अशोक राजपथ (वार्ड नंबर 53), पटना सिटी (वार्ड नंबर 58 और 65) में जन सेवा केंद्र का संचालन शुरू किया गया था. लेकिन इनमें से अधिकांश केंद्र बंद हो चुके हैं.
जन सुविधा केंद्र बंद होने का कारण आखिर क्या हैं इसकी जानकारी के लिए हमने पटना स्मार्ट सिटी पीआरओ प्रिया सौरव से संपर्क किया. उनका कहना है इन केन्द्रों का संचालन जल्द शुरू किया जायेगा. हालांकि, कारणों पर जानकारी के लिए उन्होंने बाद में कॉल करने को कहा.
एजेंसी चयन के लिए तीन बार निकाला जा चुका है टेंडर
जन सेवा केन्द्रों के संचालन के लिए स्मार्ट सिटी की ओर से तीन बार टेंडर निकाला गया है लेकिन किसी भी एजेंसी ने इसमें अपनी रूचि नहीं दिखाई है. पहली बार टेंडर के लिए विज्ञापन नवंबर, 2022 में निकाला गया था. तब किसी भी एजेंसी ने टेंडर के लिए बिड नहीं किया. दूसरी बार टेंडर जनवरी, 2023 में जारी किया गया. इसबार मात्र एक एजेंसी ने बिड किया लेकिन नियमानुसार किसी भी टेंडर को देने के लिए कम-से-कम दो कंपनी की जरुरत होती है.
तीसरी बार टेंडर अप्रैल, 2023 में निकाला गया लेकिन अबतक एजेंसी का चयन नहीं हुआ है. पटना स्मार्ट सिटी (smart city patna) पीआरओ प्रिया सौरव बताती हैं “महाबौद्ध जन स्वास्थ्य एवं सर्वांगीण विकास केन्द्र नाम की एक प्राइवेट एजेंसी को जन सुविधा केंद्रों के संचालन का जिम्मा दिया गया था. लेकिन एजेंसी इसका सही ढ़ंग से संचालन नहीं कर पा रही थी. इसी कारण हमने उनसे टेंडर वापस ले लिया. जल्द ही इन जन सेवा केन्द्रों का संचालन निगम खुद करेगा.”
जन सेवा केन्द्रों पर बी टू सी (बिजनेस टू कंज्यूमर) और बी टू बी (बिजनेस टू बिजनेस) सेवाएं दी जाती हैं. बिजनेस टू कंज्यूमर सर्विस में ऑनलाइन कोर्स, सीएससी बाजार, कृषि सेवाएं, ई कॉमर्स सेल, IRCTC, एयर और बस टिकट बुक कराना, मोबाइल और डीटीएच रिचार्ज की सुविधा दी जाती हैं.
बिजनेस टू बिजनेस सर्विस के तहत डेटा कलेक्शन या डेटा के डिजिटलीकरण जैसी सेवाएं दी जाती हैं. इसके अलावा जी टू सी (गवर्नमेंट टू कंज्यूमर) सर्विस की सेवाएं, यहां प्रमुखता से दी जानी थी. जिसमें पैन कार्ड, पासपोर्ट, बैंकिंग सर्विस, जन्म / मृत्यु प्रमाणपत्र, एनआईओएस रजिस्ट्रेशन, आधार रजिस्ट्रेशन और प्रिंटिंग, पेंशन सर्विस, इंश्योरेंस सर्विस, पोस्टल सर्विस से जुड़ी सभी सेवाएं दी जानी थी.