राज्य में स्मार्टर मीटर का मुद्दा हर दूसरे दिन उपभोक्ताओं के लिए समस्या उत्पन्न कर रहा है. जबकि विद्युत् विभाग स्मार्ट प्रीपेड मीटर के कई फायदे गिना चुका है. जिसमें घर बैठे बिल भुगतान (रिचार्ज की सुविधा), बिजली की चोरी पर रोक, रीडिंग में गलती होने की संभावना ख़त्म होने जैसी कई सुविधाएं हैं. लेकिन आये दिन स्मार्ट प्रीपेड उपभोक्ताओं को नई समस्याओं का सामना करना पर रहा है.
बीते एक सप्ताह से अधिक समय से बिजली कंपनी का सर्वर फेल होने के कारण उपभोक्ताओं को बिजली बिल रिचार्ज करने में समस्या उठानी पड़ रही हैं. उपभोक्ताओं को न तो ऐप्प ना ही वेबसाइट के माध्यम से उनके खाते में उपलब्ध बैलेंस की जानकारी मिल पा रही है. ना ही वे बिल का भुगतान कर पा रहे है.
बिजली कंपनी मुख्यालय द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार सोमवार 28 सितम्बर की शाम एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (EESL) के सर्वर में तकनीकी गड़बड़ी आई थी. जिसके बाद सर्वर पूरी तरह से ठप्प हो गया है.
कंपनी 28 अक्टूबर से सर्वर डाउन होने की बात कह रहा है लेकिन महेंद्रू के वार्ड नंबर 39 के रहने वाले मोहम्मद खुर्शीद आलम 20 अक्टूबर से सर्वर डाउन होने की बात रख रहे हैं. उनका कहना है कि वो कई दिनों से बिजली बिल रिचार्ज करने की कोशिश कर रहे थे. लेकिन बिहार बिजली स्मार्ट एप के माध्यम से ऑनलाइन रिचार्ज नहीं हो रहा है. और ना ही उपलब्ध बैलेंस की जानकारी मिल पा रही है.
मोहम्मद खुर्शीद कहते हैं “जब से स्मार्ट मीटर लगा है कोई न कोई समस्या होती ही रही है. अभी मैं 20 अक्टूबर से ही बैलेंस चेक कर रिचार्ज करने की कोशिश कर रहा हूं लेकिन नहीं हो पा रहा था. हमें पता ही नहीं है कि हमारे अकाउंट में कितना पैसा है. बिजली कट नहीं जाए इसलिए कुछ अमाउंट डालकर रिचार्ज कर दिए हैं.”
खुर्शीद आलम ज्यादा पैसा डालने पर ज्यादा अमाउंट काटे जाने की भी बात करते हैं. वे कहते हैं, “कई बार ऐसा हुआ है जब अकाउंट में ज्यादा अमाउंट रिचार्ज रहता है तो उस महीने का बिल ज्यादा आ जाता है. इसलिए हमलोग बैलेंस देखकर ही रिचार्ज करते हैं.”
उपभोक्ताओं को लाइट कटने का डर
दीपावली, छठ जैसे त्योहारी सीजन में उपभोक्ता घर में बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करना चाहते हैं. त्योहार के समय अगर बिजली कट जाये तो उस दौरान लोगों को काफी समस्या का सामना करना पड़ सकता है. उसपर भी अगर रौशनी का त्योहार दीपावली सामने हो तो लोग कई हफ़्तों से तैयारियों में लगे रहते हैं. लोग साफ़-सफाई के बाद घर को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाते हैं. ताकि दीवाली के दिन घर रौशन हो.
भवंर पोखर, वार्ड नंबर 39 की रहने वाली मीरा गुप्ता भी दीवाली की तैयारियों के साथ अपने घर का बिजली बिल का रिचार्ज करना चाहती थी. लेकिन कई बार कोशिश करने के बाद उनका स्मार्ट मीटर रिचार्ज नहीं हो सका और ना ही उपलब्ध बैलेंस की जानकारी मिल सकी. साउथ बिहार पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (SBPDL) की वेबसाइट के साथ-साथ उन्होंने थर्ड पार्टी एप (जैसे- पेटीएम, गूगल-पे आदि) जिनमें बिल भुगतान की सुविधा मौजूद होती है, के माध्यम से बिजली बिल रिचार्ज करने का प्रयास किया. लेकिन हर बार ट्रांजेक्शन फेल हो गया.
डेमोक्रेटिक चरखा से बात करते हुए मीरा बताती हैं “मेरे यहां इन्वर्टर नहीं है. इसलिए मैं नहीं चाहती थी कि दीवाली वाले दिन किसी भी कारण मेरे घर की बिजली कट जाए. इसलिए दीवाली से दो दिन पहले ही मैंने अपनी बेटी को इलेक्ट्रिसिटी बैलेंस चेक कर रिचार्ज करने को कहा. लेकिन उसने बताया बैलेंस नहीं बता रहा है. मैंने उसे ऐसे ही कुछ अमाउंट डाल देने को कहा ताकि दीवाली वाले दिन परेशानी ना हो.”
हालांकि, बिजली कंपनी ने कहा था कि सर्वर ठीक होने तक किसी भी उपभोक्ता की बिजली नहीं काटी जाएगी. सर्वर चालू होने के बाद बकाया बिजली बिल के भुगतान के लिए उपभोक्ताओं को समय दिया जाएगा. ऐसे में प्रश्न उठता है जब विभाग इस तरह की सुविधा दे रही थी तो उसे उपभोक्ताओं को इसकी सूचना मैसेज के माध्यम से देनी चाहिए थी.
जानकारी नहीं होने के कारण मीरा को त्योहार की तैयारियों के बीच बिजली ऑफिस जाकर बिल का भुगतान करना पड़ा. मीरा कहती हैं “मेरे घर में सभी कामकाजी लोग हैं. काम और पूजा की तैयारियों के बिच हमें समय निकालकर बिजली कार्यालय जाना पड़ा. हमारा बिजली ऑफिस गांधी मैदान के क्षेत्र में पड़ता है. अगर पहले ऐसी कोई जानकारी होती तो हम भी त्यौहार के बाद बिल का भुगतान करते.”
वैकल्पिक माध्यम से रिचार्ज की अपील
सर्वर डाउन होने पर एक तरफ विभाग बिजली नहीं काटे जाने की बात कह रहा था, वहीं दूसरी तरफ वैकल्पिक भुगतान माध्यमों से बिल भरने की अपील भी कर रहा है. विद्युत् विभाग के ऊर्जा सचिव पंकज कुमार पाल ने उपभोक्ताओं से अपील करते हुए कहा “जल्द से जल्द समस्या का समाधान निकाला जायेगा. तब तक उपभोक्ता वैकल्पिक माध्यम से बिल का भुगतान कर सकते हैं.”
उपभोक्ता एसबीपीडीएल और एनबीपीडीएल के वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन रिचार्ज कर सकते हैं. इसके अलावे बिजली कंपनी के डिविजन कार्यालय में जाकर काउंटर से स्मार्ट मीटर को रिचार्ज कर सकते हैं.
मीरा बताती हैं “वेबसाइट से रिचार्ज नहीं हो रहा था. मेरी बेटी ने पे-टीएम से रिचार्ज करना चाहा लेकिन वहां से भी नहीं हुआ. हमने कस्टमर केयर से बात किया. तब उन्होंने बताया कि आपको बिजली ऑफिस आकर रिचार्ज करना होगा. साथ ही कहा ऑनलाइन रिचार्ज नहीं करियेगा नहीं तो पैसा अटक जाएगा. क्योंकि सर्वर डाउन है.”
विभाग वैकल्पिक माध्यम या वेबसाइट के माध्यम से रिचार्ज करने की बात कह रहा है. वहीं उपभोक्ताओं की मदद के लिए बैठे विभागीय कर्मचारी काउंटर पर आकर रिचार्ज करने की बात करते हैं. ऐसे में उपभोक्ताओं के बीच दुविधा है कि किस माध्यम का उपयोग किया जाए.
स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने में बिहार सबसे आगे
फ़रवरी 2024 तक राज्य में 28 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं. बिहार सरकार और ऊर्जा विभाग पहले तो 2025 तक सभी जिलों में स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य लेकर चल रही थी. लेकिन अब इसे 2026 तक बढ़ाया गया है. स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के मामले में बिहार देशभर में सभी राज्यों से आगे है.
झारखंड, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, केरल और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के बिजली वितरक कंपनियों के अधिकारी भी बिहार के मॉडल को समझने यहां आ चुके हैं.
आम जनता को केंद्र सरकार के आदेश का भय दिखाते हुए विद्युत् विभाग ने साफ़ कहा है कि स्मार्ट मीटर लगाना अनिवार्य है और जो उपभोक्ता इसका विरोध करेंगे, उनका बिजली कनेक्शन काट दिया जाएगा. साथ ही बिजली कंपनी को नए मीटर लगाने के लिए उपभोक्ताओं से सहमति लेने की आवश्यकता नहीं है. कंपनी अपने अनुसार हर घर में स्मार्ट मीटर लगा सकती है. भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय ने इस संबंध में आदेश जारी किया है.
लेकिन स्मार्ट मीटर के कारण उपभोक्ताओं को होने वाली परेशानी को लेकर सरकार किसी तरह के समाधान की बात नहीं कर रही है. जबकि विपक्षी दल लगातर इस मुद्दे पर सरकार को घेरते नजर आते हैं. बीते 28 अक्टूबर को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी लेनिनवादी (माले) ने सीएम नीतीश कुमार को अल्टीमेटम दिया है कि अगर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का काम बंद नहीं हुआ, तो बिहार बंद कराया जाएगा.