Powered by :
सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को संवैधानिक रूप से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अंदर सब-कैटेगरी बनाने का अधिकार दे दिया है. फ़ैसले में कहा गया कि इससे आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक रूप से ज़्यादा पिछड़ी जातियों को आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा.
इस लेख को साझा करें
यदि आपको यह लेख पसंद आया है, तो इसे अपने दोस्तों के साथ साझा करें।वे आपको बाद में धन्यवाद देंगे