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बीते साल सीएम नीतीश कुमार ने आरक्षण को 50 फ़ीसदी से बढ़ाकर 65 फ़ीसदी किया था, जिसे आज पटना हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है. मामले पर 11 मार्च को सुनवाई होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया था, जिसे आज सुनाया गया.
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