बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को कौन नहीं जानता है. अक्सर विवादों और अपने फैसलों से घिरे रहने वाले केके पाठक अब बिहार से जाने वाले हैं. शिक्षा विभाग में सुधार लाने के लिए केके पाठक के कन्धों पर पूरी जिम्मेदारी सौंपी गई थी. जिस दौरान उन्होंने काम करते हुए कई ऐसे कड़े फैसले लिए थे जो सरकारी तंत्र को भी नागवार गुजरे थे.
केके पाठक छोड़ रहे हैं अपर मुख्य सचिव का पद
केके पाठक के तमाम फैसलों और प्रयासों का सिलसिला अब खत्म होने वाला है. दरअसल केके पाठक ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति का फ़ैसला लिया है. खबरों के मुताबिक केके पाठक ने खुद केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए आवेदन दिया था, जिसे गुरुवार को बिहार सरकार ने स्वीकार कर लिया है. अब बिहार सरकार से हरी झंडी के बाद केके पाठक दिल्ली जा सकते हैं.
बिहार सरकार के एनओसी देने के बाद अब केके पाठक को केंद्र सरकार के द्वारा उनकी पोस्टिंग के लिए इंतजार करना होगा. केन्द्रीय पोस्टिंग के बाद केके पाठक अपर मुख्य सचिव का पद छोड़े देंगे.
केके पाठक ने शिक्षा विभाग में अहम बदलाव किये
केके पाठक ने जून 2023 में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का पदभार संभाला था, जिसके बाद लगातार बिहार के शिक्षा विभाग, स्कूल-कॉलेज और यूनिवर्सिटी में कई बदलाव देखने को मिले थे. सैकड़ों आधिकारिक पत्र जारी करते हुए केके पाठक ने शिक्षा विभाग में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए थे.
बिहार सीएम नीतीश कुमार अपने आईएएस अधिकारी के पक्ष में नजर आए. लेकिन कई बार ऐसा भी हुआ कि केके पाठक ने सीएम के आदेशों का उलंघन किया है. हाल ही के दिनों में सरकारी स्कूलों में टाइमिंग को लेकर सीएम के सदन में दिए हुए के निर्देश को अपर मुख्य सचिव ने मानने से मना कर दिया था. सीएम के निर्देश के बाद भी अपर मुख्य सचिव ने स्कूलों के समय में बदलाव नहीं किया था. जिसके बाद केके पाठक और सीएम के फैसलों के बीच में तकरार देखे जा रही थी. विपक्ष ने सदन में हंगामा करते हुए केके पाठक को पद से हटाने की मांग की थी, इस पर भी सीएम नीतीश कुमार ने साफ कह दिया था कि केके पाठक अपने पद से नहीं हटाए जाएंगे, वह अच्छा काम कर रहे हैं.