यूपी, बिहार में मशहूर पकड़ौआ विवाह या जबरन विवाह का मामला बीते दिनों खूब देखा गया. राजस्थानी पटना में भी पकड़ौआ शादी के मामले पुलिस थाने तक पहुंचे. बीते साल ही पटना हाई कोर्ट ने पकड़ौआ शादी के एक मामले को रद्द भी किया था. अब पकड़ौआ शादी का मामला सुप्रीम कोर्ट जा पहुंचा है .
सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाई कोर्ट के जबरन विवाह को रद्द करने वाले एक मामले पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस हीमा कोहली और अहसानुद्दीन की पीठ ने बुधवार को इस पर नोटिस जारी करने की बात कहीं. अगले आदेश आने तक इस फैसले के संचालन और कार्यान्वयन पर रोक लगा दी है.
नवंबर 2023 में पटना हाई कोर्ट के जस्टिस पीबी बजंथरी और अरुण कुमार झा की पीठ ने पकड़ौआ शादी के एक मामले को रद्द किया था. जिसमें हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट का ही हवाला देते हुए कहा था कि हिंदू धर्म में 'सप्त्पर्व' और 'दत्त होम' के अभाव में वैध नहीं होता है. अगर 'सप्तपदी' पूरी नहीं होती है. इसलिए शादी को पूरा नहीं माना जाएगा.
हाईकोर्ट में सेना के एक जवान ने कहा था कि उसकी शादी बंदूक के नोक पर कराई गई थी और उसे बिना किसी धार्मिक अनुष्ठान के लकड़ी की मांग में सिंदूर भरने के लिए मजबूर किया गया था. लड़की ने इस बात का खंडन करते हुए कहा कि उसकी शादी 2013 में आर्मी के जवान से पूरे हिंदू रीति रिवाज के साथ हुई थी. लड़की ने आगे बताया कि उसके पिता ने आर्मी जवान को ढेरों तोहफे और 10 लाख रुपए भी दिए थे.