कांग्रेस ने अपने ऑफिशियल एक्स हैंडल से ऐलान किया है कि देश में कांग्रेस की सरकार बनते ही पहली जाति जनगणना कराई जाएगी. कांग्रेस ने राहुल गांधी की एक बैठक का वीडियो जारी कर इसका ऐलान किया है.
वीडियो में राहुल गांधी कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री ओबीसी की संख्या नहीं बताना चाहते. क्योंकि वह नहीं चाहते कि देश में ओबीसी की भागीदारी हो. लेकिन अब समय आ गया है, हमें भारत का एक्स-रे करना होगा. अगर कांग्रेस पार्टी देश में सरकार बनाएगी तो सबसे पहला काम जाति जनगणना का करेगी.
सामाजिक न्याय और सामाजिक सशक्तिकरण लागू करने की जरुरत
2 अक्टूबर को जब बिहार में जातीय जनगणना की रिपोर्ट आई तो कांग्रेस ने इसका खुलकर स्वागत किया था. सामाजिक न्याय और सामाजिक सशक्तिकरण के लिए इसे तुरंत पूरे देश में लागू करने की भी बात कही गई.
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था, कि बिहार की जाति जनगणना से यह साबित हो गया है कि राज्य में 84 फीसदी लोग पिछड़ा वर्ग (OBC), अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति से आते हैं. और उनकी हिस्सेदारी उनकी आबादी के अनुसार से करना होगा. उन्होंने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि केंद्र सरकार में 90 सचिवों में से केवल तीन ओबीसी हैं. जो भारत के बजट का केवल 5 प्रतिशत संभालते हैं. इसलिए भारत के जातिगत आंकड़ों को जानना बहुत जरूरी है.
देश में आखिरी बार जातीय जनगणना 1931 में हुई थी. जिसकी रिपोर्ट सार्वजनिक की गई थी. उसके बाद 1941 में भी जातीय जनगणना करायी गयी थी, लेकिन उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गयी थी. आजादी के बाद 1951 में भी जनगणना हुई, लेकिन उसमें सिर्फ एससी और एसटी को ही गिना गया. ताकि उन्हें आरक्षण दिया जा सके.