तिब्बती धर्मगुरु 14वें दलाई लामा के प्रवचन की शुरुआत आज से गया में हो चुकी है. बोधगया के कालचक्र मैदान में तीन दिवसीय प्रवचन कार्यक्रम की शुरुआत शुक्रवार से हुई. आज से शुरू हुआ यह कार्यक्रम 31 दिसंबर तक कालचक्र मैदान में चलेगा, जिसमें शामिल होने के लिए 60 देश से करीब 60 हजार श्रद्धालु पहुंचे हैं.
तिब्बती पुलिस भी तैनात
तिब्बती मॉनेस्ट्री से शुक्रवार को सुबह 7:30 बजे ही दलाई लामा कालचक्र मैदान पहुंचे. मैदान में उनके टीचिंग कार्यक्रम के लिए तीन विशाल पंडाल बनाए गए हैं. कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा रखा गया है, स्थानीय सिक्योरिटी के अलावा तिब्बती पुलिस को भी इस कार्यक्रम में लगाया गया है. पूरे कालचक्र मैदान और आसपास के इलाके में सीसीटीवी लगाया गया है. जिससे पल-पल की मॉनिटरिंग पुलिस करेगी.
बौद्ध धर्म गुरु हर दिन 2 घंटे तक प्रवचन करेंगे, जो सुबह 8:00 से लेकर सुबह 10:00 बजे तक चलेगा.
इस प्रवचन का प्रसारण एक दर्जन अलग-अलग भाषाओं में एफएम पर कराया जाएगा. मैदान में एक लाख वर्ग फीट में जर्मन हैंगर पंडाल को लगाया गया है. प्रवचन में अमेरिका, जर्मन, स्पेन, कंबोडिया, रूस, इंडोनेशिया, मंगोलिया, जापान, ताइवान, म्यांमार, ब्राज़ील, भूटान, तिब्बत से श्रद्धालु पहुंचे हैं.
बुद्ध के स्टेचू का उद्घाटन
दलाई लामा 3 दिनों तक बौध अनुयायियों को जीवन के बुनियादी सिद्धांत के बारे में बताएंगे. प्रवचन के पहले दिन परम पावन नागार्जुन की इन स्थिति ऑफ़ धम्म धातु का प्रवचन किया जाएगा. आखिरी दिन 31 दिसंबर को मंजू श्री सशक्तिकरण दलाई लामा को प्रदान किया जाएगा. इसके साथ ही विश्व शांति की प्रार्थना का भी शुभारंभ का कालचक्र मैदान से किया गया.
शुक्रवार को ही रात 8:00 बजे कालचक्र मैदान में भगवान बुद्ध के स्टेचू का उद्घाटन किया जाएगा. मालूम हो कि यह कालचक्र मैदान में पहला बुद्ध का स्टेचू है. इस स्टैचू में भगवान बुद्ध कमल धरण की मुद्रा में विराजमान है.
15 दिसंबर को दलाई लामा बोधगया पहुंचे, जहां उनका एक महीने का प्रवास है. इस दौरान सीएम नीतीश कुमार भी उनसे मुलाकात करने के लिए बोधगया पहुंचे थे.