आयकर विभाग की टीम बीते 6 दिसंबर से एक कांग्रेसी सांसद के ठिकानों पर रेड डालने की शुरुआत की थी. यह रेड 6 दिसम्बर से लेकर 15 दिसंबर तक सांसद के 10 ठिकानों पर चली. आईटी की टीम ने 10 दिनों के रेड में नया कैश लोक लोगों के सामने लाकर खड़ा कर दिया था. रेड में 350 करोड़ रुपए आयकर विभाग की टीम ने जब्त किए हैं. इतने पैसे को गिनने में मशीनों ने भी अपने हाथ खड़े कर दिए थे.
रेड के बाद धीरज साहू ने शेयर बाजार से ज्यादा तेजी से सुर्ख़ियों में छलांग लगाई थी. इस लंबी तलाशी का वीडियो भी काफी दिनों से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था, जिसमें नगदी से भरी अलमारी और जमीन पर पड़े नोटों को साफ तौर पर देखा जा सकता था. इसके साथ ही टीम ने झारखंड और ओड़िशा के ठिकानों से जमीन के कागजात, गहने, इन्वेस्टमेंट के भी कागजात हाथ लगे हैं. भाजपा ने कांग्रेस पर भ्रष्टाचारी होने का आरोप लगाना शुरू कर दिया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी धीरज साहू के यहां पड़ी इस रेड पर टिप्पणी करते हुए मनी हाइस्ट सीरीज का जिक्र किया था.
बिजनेस का पैसा है जो उनका परिवार चलता है - धीरज साहू
करोड़ों रुपए मिलने के दौरान कांग्रेसी सांसद पूरे 10 दिनों तक चुप रहे, जिसके बाद अब वह सामने आए और जब्त किए गए पैसों पर बयान दिया है. झारखंड के कांग्रेस सांसद धीरज साहू ने करोड़ों रुपए मिलने के बाद कहा है कि यह सारे पैसे उनके या कांग्रेस या किसी अन्य राजनीतिक दल से बिल्कुल रिश्ता नहीं रखते हैं. यह उनके बिजनेस का पैसा है जो उनका परिवार चलता है. यह परिवार संयुक्त रूप से काम करता है इसलिए जांच में इतने पैसे मिले हैं.
धीरज साहू ने समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा कि उनका परिवार शराब का कारोबार 100 साल से अधिक समय से करता आ रहा है और यह कारोबार सिर्फ कैश में ही होता है, जिसकी वजह से उनके यहां से इतने रुपए बरामद हुए हैं.
35 सालों से राजनीतिक कैरियर में पहली बार उन पर ऐसे आरोप लगाया जा रहे हैं, जिससे वह बुरी तरह से आहत है. उन्होंने बातचीत में इस बात का दावा किया कि जितने भी पैसे मिले हैं वह कंपनी के हैं. इसमें राजनीतिक दलों का कोई साथ नहीं है. साहू का कहना है कि वह राजनीति में ज्यादा सक्रिय रहते हैं इसकी वजह से वह कारोबार पर ध्यान नहीं देते और उनका परिवार ही सारे कारोबार को चलाता है. जितने भी पैसे बरामद किए गए है वह उनके पूरे संयुक्त परिवार के हैं. परिवार में 6 भाई हैं जो सभी बिजनेस से जुड़े हैं. साथ ही उनके बच्चे भी कंपनी से जुड़कर काम करते हैं. इसमें कांग्रेस पार्टी का कोई लेना देना नहीं है.
सबसे बड़ी रेड में से एक
साहू ने आगे बताया है कि भारतीय जनता पार्टी जो काला धन रखने का आरोप लगा रही है, आयकर विभाग की टीम आगे जाकर इस बात को तय करेगी. वक्त आने पर सारी चीज सबके सामने स्पष्ट तौर पर साफ हो जाएंगी.
धीरज साहू के स्वामित्व वाली कंपनी बौद्ध डिस्टलरी प्राइवेट लिमिटेड और कई सम्बंधित कंपनियों के खिलाफ आयकर विभाग की टीम ने तलाशी में ओडिशा और झारखंड से 353.5 करोड़ रुपए की नगदी जब्त की थी. टीम का दावा है कि यह अब तक की सबसे बड़ी रेड में से एक है.
ध्यान देने वाली बात है कि धीरज साहू के यहां पकड़े गए इतने सारे पैसों पर अभी तक आयकर विभाग की टीम ने भी सामने आकर कुछ नहीं कहा है. हालांकि टीम लगातार छापेमारी कर रही है. यह भी बात की सामने आई की धीरज साहू के रांची आवास में जमीन के नीचे भी पैसे मिल सकते हैं, जिसके लिए जियो सर्विलांस से जांच की जा रही है.