जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार से मंत्रिमंडल बर्खास्त करने की मांग की

2 अक्टूबर को राज्य में जातीय जनगणना की रिपोर्ट आने के बाद राज्य में सत्ताधारी महागठबंधन के कई नेताओं ने 'जितनी बड़ी संख्या, उतनी बड़ी हिस्सेदारी का नारा दिया था. इस पर मांझी ने सभी को घेरते हुए कैबिनेट को बर्खास्त करने की मांग कर दी.

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जीतन राम मांझी की मांग

जीतन राम मांझी की मांग

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने आज सीएम नीतीश कुमार से बड़ी मांग की है. उन्होंने राज्य में मौजूद कैबिनेट को बर्खास्त करने की मांग की है. यह मांग जातीय जनगणना रिपोर्ट के आधार पर की गई है.

2 अक्टूबर को राज्य में जातीय जनगणना की रिपोर्ट आने के बाद राज्य में सत्ताधारी महागठबंधन के कई नेताओं ने 'जितनी बड़ी संख्या, उतनी बड़ी हिस्सेदारी' का नारा दिया था.

इस मामले पर मांझी ने सभी को घेरा और कैबिनेट को बर्खास्त करने की मांग की. जीतन राम मांझी ने सोशल मीडिया पोस्ट में नीतीश कुमार से राज्य मंत्रिमंडल को बर्खास्त करने और संख्या आधारित मंत्रिपरिषद बनाने की मांग की है. इससे समाज के हर वर्ग को प्रतिनिधित्व का मौका मिलेगा. कालीन फैलाने वाले का जमाना चला गया, जो बिछाएगा वही बैठेगा.

ज्यादा संख्या वाली जातियों को कैबिनेट में जगह

पूर्व सीएम मांझी ने सीधे तौर पर नीतीश कुमार से कहा है, कि अगर जातियों की संख्या के हिसाब से हिस्सेदारी बढ़ाने की बात है. तो नीतीश कुमार को सबसे ज्यादा संख्या वाली जातियों को अपने कैबिनेट में जगह देनी चाहिए.

बिहार में जारी जातीय जनगणना के मुताबिक, राज्य में अत्यंत पिछड़ा वर्ग की आबादी सबसे ज्यादा है, जो करीब 36.01 फीसदी है. जबकि पिछड़ा वर्ग की आबादी 27.012% है. जीतन राम मांझी दलित वर्ग से आते हैं. वह मुसहर समुदाय से हैं, जिनकी आबादी बिहार में 3.009% है.

साल 2022 में नीतीश कुमार ने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के साथ मिलकर मंत्रिमंडल का गठन किया जिसमें कुल 33 सदस्य शामिल हैं. इस कैबिनेट में सबसे ज्यादा 17 मंत्री पिछड़े और अति पिछड़े समुदाय से बनाए गए हैं, जिनमें 5 दलित और 5 मुस्लिम नेता भी शामिल हैं. वहीं कैबिनेट में 6 मंत्रियों को शामिल किया गया है, जो ऊंची जाति से आते हैं.

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