पूरे देश में कल रामलला के स्वागत को लेकर जश्न का माहौल रहा. इस जश्न में बिहार ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, राज्य के कई जिलों में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए कई कार्यक्रम कराए गए. राज्य में रामलला के स्वागत के लिए जुलूस भी निकल गया था. जुलूस में सोमवार के दिन राज्य के कई जिलों से हिंसक झड़प की खबरें सामने आई हैं. पहले बिहार के जमुई जिला में दो समुदायों के बीच में पत्थरबाजी और झड़प की खबर सामने आई थी. इसके बाद बिहार के ही दूसरे जिला मुजफ्फरपुर से भी हिंसक झड़प की खबर सामने आ रही है.
सोमवार को मुजफ्फरपुर में रामलला को लेकर जुलूस निकाला गया था, जिसपर असामाजिक तत्वों ने पत्थरबाजी कर दी. उपद्रवियों ने यहां राम के नाम का जयकारा लगाते हुए एक घर पर पत्थरबाजी की और तलवार ले कर अंदर घुसने की भी कोशिश की. इस घटना में एक व्यक्ति के घायल होने की भी खबर है.
पूरी घटना मुजफ्फरपुर के मझौलिया की है, जहां दो पक्षों के बीच में जुलूस के दौरान झड़प हो गई. खबरों के मुताबिक असामाजिक तत्वों ने घरों को निशाने पर लेकर उस पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया. स्थानीय लोगों के अनुसार जुलूस के दौरान तलवार भांजने पर विवाद शुरू हुआ था. लोगों ने जुलूस में तलवारबाजी का विरोध किया था, जिसके बाद दूसरे पक्ष के लोग आक्रोशित हो गए और लोगों से अभद्र भाषा में बात करने लगे.
पुलिस ने संभाला मोर्चा
घटना की सूचना मिलने के बाद इलाके में कई थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और मोर्चे को संभाला. फिलहाल स्तिथि काबू में है और पुलिस मौके पर पेट्रोलिंग कर रही है.
घटना के बाद एसडीएम पूर्वी अमित कुमार और नगर एएसपी अवधेश दीक्षित मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल के साथ पहुंचे. पुलिस अधिकारियों ने लोगों को समझा बूझकर स्थिति को नियंत्रण में लिया. नगर एएसपी अवधेश दीक्षित ने मामले पर कहा सदर थाना के मझौलिया गांव में दो पक्षों के बीच मामूली से झड़प हुई है. सूचना के बाद सदर थाने की पुलिस, 112 पुलिस को भेजा गया है. इस घटना में एक व्यक्ति को मामूली चोट पर आई है, जिसका इलाज कर दिया क्या है. जांच चल रही है दोनों पक्ष से जिम्मेदार लोगों को चिन्हित किया गया है और कार्यवाही की जा रही है. लोग अफवाहों पर ध्यान ना दे.
धार्मिक जुलूस में बैन सामान
बीते साल 16 नवम्बर को बिहार सरकार ने यह फ़ैसला लिया था कि अब धार्मिक जुलूस के दौरान लाठी, तलवार, भाला, बरछी, कटार पर पाबंदी रहेगी. इसके साथ ही जुलूस में शामिल होने से पहले लिखित में यह देना पड़ेगा कि किसी भी तरह की हिंसा जुलूस के दौरान नहीं होगी. साथ ही जुलूस में शामिल होने वालों की लिस्ट भी सौंपनी होगी.
सरकार के मुताबिक धार्मिक जुलूस और शोभा यात्रा के दौरान लाउडस्पीकर से काफी तेज आवाज निकलती है. इसके साथ ही धार्मिक नारे और डीजे बजाने पर कई बार संप्रदायिक तनाव होता है जिससे कानूनी विधि-व्यवस्था बिगड़ जाती है. इसी सबको ध्यान में रखते हुए नए दिशा निर्देशों को जारी किया गया था. लेकिन इन सभी आदेशों को ताक पर रख कर जुलूस निकाले जा रहे हैं.
गौरतलब है कि बीते साल दुर्गा पूजा के विसर्जन के मौके पर राज्य में कई जगहों से सांप्रदायिक हिंसा की खबरें सामने आई थी. कई जगह पर डीजे बजाने को लेकर, धार्मिक झंडा को लेकर दो गुटों के बीच तनाव पैदा हो गया था.