22 जनवरी को अयोध्या में भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह बिना किसी रुकावट के पूरा हुआ. देशभर में सबकी निगाहें कल पूरे दिन अयोध्या पर टिकी हुई थी. वहीं देश-विदेशों में भी कई जगहों पर भी रामलला के स्वागत के लिए कई कार्यक्रम करवाए गए थे. सैकड़ो दीपक जलाने का कार्यक्रम, भंडारा, मूर्ति रखना और जुलूस भी भगवान राम के स्वागत के लिए निकल गए थे. इस पूरे कार्यक्रम में कोई परेशानी ना आए इसके लिए अतिरिक्त पुलिसबालों को भी राज्य के कई शहरों में तैनात किए गया था.
जहां एक और सोमवार को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह चल रहा था, तो वहीं दूसरी ओर बिहार के कई जिलों में शोभायात्रा के दौरान सामुदायिक हिंसा का मामला सामने आया. बिहार के जमुई जिले में शोभा यात्रा निकालने के दौरान दो समुदायों के बीच में झड़प हो गई.
जमुई के संगथू गांव का मामला
22 जनवरी को जमुई के संगथू गांव में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह की खुशी में बड़े ही धूमधाम से शोभायात्रा निकाली गई थी. जिसमें धार्मिक झंडा को लगाने के लिए दो समुदाय आपस में भीड़ गए. शोभा यात्रा में एक पक्ष ने दूसरे पक्ष पर आरोप लगाया है कि यात्रा के दौरान उन पर रोड़े बाजी की गई, जिसमें कुछ लोगों को चोटें भी आई हैं. बाइक और डीजे को भी छतिग्रस्त करने का आरोप समुदाय की तरफ से लगाया जा रहा है.
घायलों की पहचान संगथू गांव के सन्नी कुमार, चिंकू कुमार और अमित कुमार कुशवाहा के रूप में हुई है. जिनका इलाज चल रहा है. घायलों ने बताया कि वह अपने समुदाय का झंडा लगा रहे थे, जिसका विरोध दूसरे समुदाय के लोग कर रहे थे. विरोध करते हुए ही लोगों ने डीजे को पलट दिया और शोभायात्रा पर रोड़ेबाजी करने लगे.
डीएसपी का बयान
घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लिया और गांव में पुलिस बल और अधिकारियों की तैनाती की गई.
पूरे मामले पर मुख्यालय डीएसपी अभिषेक सिंह ने बताया की पुलिस को शोभा यात्रा के दौरान दो समुदाय के बीच में पत्थरबाजी और झड़प की सूचना मिली थी. सूचना मिलने के बाद पहले से प्रति नियुक्त पुलिस फोर्स, जवान और मजिस्ट्रेट के द्वारा स्थिति को काबू में लिया गया है. घायलों का इलाज जमुई के सदर अस्पताल में इलाज कराया जा रहा है.
जमुई के अलावा सोमवार को बिहार के मुज़फ्फ़रपुर में भी हिंसक झड़प की घटना हुई. इसके अलावा देश के भी कई हिस्सों में भी लोगों के बीच में शोभायात्रा को ले कर तनाव हुआ.
गौरतलब है कि ऐसे धार्मिक कार्यक्रमों में पहले भी कई बार झड़प के मामले देखे जा चुके हैं. दो समुदायों का धार्मिक झंडा लगाने, डीजे बजाने को ले कर विवाद हुआ था जिसके बाद प्रसाशन ने कड़ा कदम लेते हुए कई चीजों को धार्मिक जुलुस से बैन किया था. लेकिन पुलिस के इन क़दमों का फर्क जुलूसों में देखने को नहीं मिल रहा.