Advertisment

BPSC TRE result: क्या भर्ती के नाम पर आयोग ने नियुक्ति घोटाला किया है?

BPSC TRE result की घोषणा हो चुकी है. ऐसे में जो छात्र इसमें पास हुए हैं, उनके घर खुशी का माहौल है. लेकिन कई छात्र ऐसे हैं जो आयोग के ऊपर ठीक से परीक्षा फल नहीं प्रकाशित करने का आरोप लगा रहे हैं.

author-image
Amir Abbas
Oct 24, 2023 17:29 IST
New Update
बिहार में नवंबर में आएगी 1 लाख नौकरियां, शिक्षक के लिए होगी नियुक्ति

BPSC TRE result: क्या भर्ती के नाम पर आयोग ने नियुक्ति घोटाला किया है?

BPSC TRE के बाकी बचे विषयों का रिजल्ट बीते शनिवार को प्रकाशित हो चुका है. रिजल्ट प्रकाशित होने के बाद छात्रों के मन में बिहार लोक सेवा आयोग आयोग के कार्यशैली को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. कई छात्रों का मानना है कि बिहार लोक सेवा आयोग ने उनका रिजल्ट ठीक से प्रकाशित नहीं किया है. इस वजह से उनके भविष्य को बर्बाद करने का काम बिहार लोक सेवा आयोग ने किया है. 

Advertisment

लेकिन आयोग का मानना है कि उन्होंने बिल्कुल सही, निष्पक्ष और बिना त्रुटी के रिजल्ट प्रकाशित किया है. आयोग के चेयरमैन ने ट्वीट करके छात्रों के कई सवालों के जवाब दिए हैं. लेकिन फिर भी छात्र इससे संतुष्ट नहीं हैं. छुट्टी के दिनों में भी BPSC कार्यालय के सामने छात्र लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्र किसी अधिकारी से बात करना छह रहे हैं. लेकिन अभी तक आयोग में से किसी भी अधिकारी ने छात्रों से बात नहीं की है. 

कम नंबर वाले पास हुए, ज्यादा वाले फेल

विक्की कुमार शिक्षक अभ्यर्थी हैं. कई सालों से वैकेंसी के इंतजार में थें. उन्हें उम्मीद थी कि जब बहाली आएगी तो वो शिक्षक बनेंगे और शिक्षा व्यवस्था में हर मुमकिन सुधार करेंगे. लेकिन विक्की कुमार की उम्मीद रिजल्ट से टूट गयी है. डेमोक्रेटिक चरखा से बात करते हुए विक्की कुमार कहते हैं, "जो छात्र D.El.Ed किये, उसके बात STET या CTET पास किये, उनकी नियुक्ति हुई ही नहीं. जो लोग कम अंक लेकर आये हैं, उनकी नियुक्ति हुई है. ये सरकार और आयोग का कहां का इंसाफ है?" 

Advertisment

आर्यन कुमार समस्तीपुर के रहने वाले हैं. बेरोजगारी से परेशान आर्यन की ये आखिरी उम्मीद थी. लेकिन उसके बाद भी ये मौका उनके हाथ से जा चुका है. उनका कहना है, "सरकार ने अगर पारदर्शी ढंग से रिजल्ट जारी किया है, तो वो स्कोरकार्ड जारी क्यों नहीं कर रही है? स्कोरकार्ड जारी नहीं करना और छात्रों को दौड़ाना ये बताता है कि सरकार के पास कोई भी जवाब नहीं है. अगर हम अभ्यर्थियों की मांग गलत है और सरकार सही है, तो एक बार कोई अधिकारी मिल कर हमारे सवालों का जवाब क्यों नहीं दे देते हैं."

प्रियंका कुमारी पटना की शिक्षक अभ्यर्थी हैं. उनका दावा है कि उनसे कम अंक वालों का रिजल्ट में नाम आया है लेकिन उनका नाम रिजल्ट में नहीं है. 

फर्जी छात्रों के नाम प्रकाशित करते अभ्यर्थी
फर्जी छात्रों के नाम प्रकाशित करते अभ्यर्थी
Advertisment

दूसरे राज्य को अनुमति नहीं होने के बाद भी आया रिजल्ट 

चितरंजन कुमार ने सामाजिक विज्ञान विषय से BPSC TRE का रिजल्ट पास किया है. उसके बाद डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए वो पश्चिम चंपारण जाते हैं. वहां भी उनका सभी डॉक्यूमेंट सही पाया जाता है. लेकिन चितरंजन कुमार का डोमिसाइल यानी आवासीय बिहार का नहीं है. 

डेमोक्रेटिक चरखा ने जब इस मामले की पड़ताल की तो हमें ये पता चला कि चितरंजन कुमार उत्तरप्रदेश के स्थायी निवासी हैं. माध्यमिक और उच्च माध्यमिक के लिए बिहार का आवासीय होना अनिवार्य है. दूसरे राज्य के नागरिकों को इस परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं है. साथ ही STET पास होना भी अनिवार्य है, जो राज्य स्तर पर होती है. 

Advertisment
चितरंजन कुमार का आवासीय प्रमाण पत्र
चितरंजन कुमार का आवासीय प्रमाण पत्र

इन सब नियमों के बाद भी चितरंजन कुमार का चयन BPSC के द्वारा किया जाता है. 

अभ्यर्थियों ने फर्जी छात्रों की सूची जारी की

Advertisment

सबसे अधिक गलत रिजल्ट के मामले कंप्यूटर साइंस के विषय में देखा जा रहा है. कंप्यूटर साइंस के विषय में वो छात्र ही बैठ सकते थें जिन्होंने साल 2019 में या उससे पहले B.Tech की डिग्री ली हो. उसके बाद 2019 में आयोजित STET परीक्षा पास की हो. लेकिन छात्रों ने ऐसे कई अभ्यर्थियों की सूची जारी की है जिन्होंने इन शर्तों को पूरा नहीं किया है. नितेश कुमार केवल BCA पास छात्र हैं. यानी नियम के अनुसार उनका चयन नहीं हो सकता. लेकिन उनका नाम मेरिट लिस्ट में आया है. रूपम कुमारी ने STET उत्तीर्ण नहीं किया है. 

कंप्यूटर साइंस में गलत रिजल्ट प्रकाशित किया गया
कंप्यूटर साइंस में गलत रिजल्ट प्रकाशित किया गया

एक सीरियल नंबर के सभी पास

Advertisment

एक और अजीब मामला मैथ्स के विषय में सामने आया है. रोल नंबर 829683 से लेकर 830013 तक के सभी छात्र एक लाइन से पास कर गए हैं. यानी इस रोल नंबर के बीच में आने वाले कोई भी छात्र फेल ही नहीं हुए हैं. क्या ये महज एक इत्तेफाक है? या नियुक्ति घोटाला?

मैथ विषय में सीरियल नंबर से सभी पास हो गए हैं
मैथ विषय में सीरियल नंबर से सभी पास हो गए हैं

सरकारी परीक्षाओं में गड़बड़ी एक आम बात- दिलीप कुमार 

Advertisment

छात्र नेता दिलीप कुमार ने सरकार और प्रशासनिक विभागों के ऊपर तंज कसते हुए कहा कि, "बिहार में अब ये नियम बन चुका है कि हर बार छात्रों को पहले परीक्षा की तैयारी करनी पड़ती है. फिर उसके बाद आंदोलन की. जब शिक्षक नियुक्ति का मामला BPSC के हाथों में आया था तो हमें उम्मीद थी कि सब बेहतर होगा. एग्जाम बेहतर हुआ भी. लेकिन जब रिजल्ट आया है तब ये तो गड़बड़ी का पुलिंदा बना हुआ है. ऐसे में सरकार तैयार रहे बड़े छात्र आंदोलन के लिए."

नियोजित शिक्षकों को फिर से भर्ती किया गया

आयोग की ओर एक और गड़बड़ी की गयी है. छात्रों का आरोप है कि जो लोग पहले से नियोजित शिक्षक हैं, उन्हें ही फिर से पास किया गया है. ऐसे में जिनके पास रोजगार था उनके पास फिर से रोजगार पहुंचाया गया. जो शिक्षक अभ्यर्थी पहले भी बेरोजगार थें वो आज भी बेरोजगार ही हैं.

आयोग ने किसी भी तरह का बयान देने से किया इंकार

अभी आयोग की ओर से ना ही कोई प्रेस बयान जारी किया गया है. ना ही छात्रों के आरोप का उत्तर दिया गया है. डेमोक्रेटिक चरखा की टीम ने कई बार आयोग के ऑफिस जाकर और टेलीफोन के माध्यम से अधिकारियों से बात करने की कोशिश की है. लेकिन अभी तक उनका कोई उत्तर नहीं दिया गया है.

BPSC ने जब शिक्षक नियुक्ति का मामला अपने हाथों में लिया था तब सभी को उम्मीद थी कि परीक्षा में किसी भी तरह की धांधली नहीं होगी और योग्य उम्मीदवारों का चयन होगा. लेकिन अब ये सभी दावे झूठे साबित हो रहे हैं. 

#BPSC #bpsc teacher vacancy #bpsc teacher exam #bpsc exam #BPSC TRE