बिहार में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया का दूसरा चरण अक्टूबर में आने वाला है. इस भर्ती प्रक्रिया में छठी से आठवीं तक की कक्षाओं के लिए आवेदन लिया जाएगा. लेकिन इस भर्ती प्रक्रिया से पहले राज्य में बीटीईटी (BTET) के आयोजन की मांग अभ्यर्थियों द्वारा की जा रही है.
दरअसल राज्य में पिछले छह साल से बीटीईटी का आयोजन नहीं हुआ है. छह साल पहले साल 2017 में आखिरी बार बीटीईटी का आयोजन हुआ था. उसके बाद से लाखों शिक्षक अभ्यर्थी परीक्षा का इंतजार कर रहे हैं. बिहार शिक्षक पात्रता परीक्षा (BTET) की मांग को लेकर छात्र कई बार बीएसईबी (BSEB) के समक्ष प्रदर्शन भी कर चूकें हैं. परीक्षा का आयोजन नहीं कराने के कारण विभाग के खिलाफ़ हाईकोर्ट में केस बी दायर किया गया था.
हर साल बीटीईटी का आयोजन करे सरकार
चाणक्या फाउंडेशन बीएड कॉलेज की छात्रा सीमा कुमारी में बताती हैं “बिहार सरकार वापस से शिक्षक की बहाली लाने वाली है. इस बार आने वाली बहाली में ज़्यादा पद छठी से आठवीं कक्षा के लिए आने वाला है. लेकिन वैसे छात्रों का क्या होगा जिन्हें ना तो एसटीईटी में मौका मिला और ना ही राज्य में होने वाली बीटीईटी परीक्षा में बैठने का मौका मिला.”
सीमा आगे कहती हैं “सरकार कहती है सीटेट के आधार पर ही हम कैंडिडेट (अभ्यर्थी) चुनेंगे. जब सीटेट की क्वालिटी (गुणवत्ता) पर आपको भरोसा था ही तो आपको बीपीएससी के माध्यम से एक और परीक्षा नहीं लेना चाहिए था. सीटेट का एग्जाम बीटीईटी के मुकाबले हार्ड (कठिन) होता है. अब जब शिक्षक बनने के लिए तीन स्टेज (चरण) से होकर गुजरना ही है तो सरकार हमें और परीक्षा में बैठने का मौका दे.”
छात्रों का कहना है, ‘आरटीई’ (शिक्षा का अधिकार) कानून के सेक्शन 23 (1) में इस बात का जिक्र किया गया है कि प्रत्येक वर्ष राज्य में एक बार शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन होना है. लेकिन सरकार खुद नियम का पालन नहीं करती है.
अक्टूबर महीने में आने वाली इस वैकेंसी में पहली से पांचवी कक्षा के लिए आवेदन नहीं आएगा. वहीं 11वीं से 12वीं कक्षा में पहले चरण में बाकी रह गयी सीटों के लिए आवेदन लिया जाएगा.
श्री राम सुहाग कॉलेज ऑफ एजुकेशन के छात्र फरहान 2021-23 बैच के छात्र हैं. फरहान डेमोक्रेटिक चरखा से बताते हैं “हमारे बैच के साथ तो सबसे ज्यादा ज़्यादती हुई है. एक तो अभी तक बीएड फाइनल ईयर का रिजल्ट नहीं दिया गया. दूसरा एसटीईटी में हमें मौका नहीं मिला. अब सरकार दुसरे चरण की भी बहाली लाने को तैयार है. अब जो सीटेट का दूसरा पेपर पास है उसके लिए तो ठीक है लेकिन जैसा स्टूडेंट जो केवल पेपर वन पास है. दिसंबर वाले सीटेट में पेपर वन ही निकला था इसबार भी पेपर वन निकला लेकिन पेपर 2 कुछ नंबर से रह गया.”
फरहान आगे कहते हैं “सरकार हमारे साथ भी पिछले बैच के अभ्यर्थियों की तरह करना चाह रही है. जैसे वे लोग 10 साल तक बेरोजगार रहे. वैसे ही हमलोग भी पहले सालों बेरोज़गार रहेंगे, सरकार के सामने गिड़गिड़ाएगें, भीख मांगेंगे तब नौकरी मिलेगा. वह भी उसमें दस पेंच जोड़ने के बाद.”
छात्रों का कहना कहना है जैसे सरकार हर साल बीएड प्रवेश परीक्षा का आयोजन करवाती है ठीक वैसे ही बिहार शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन करें.
बीटीईटी बंद करने का फैसला वापस लेना पड़ा
दरअसल पिछले वर्ष जून महीने में प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने अधिकारिक तौर पर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को लिखे पत्र में बीटीईटी बंद करने की बात कही थी. जिसके बाद शिक्षक संघ समेत विभिन्न राजनीतिक पार्टियों ने इसका विरोध किया था. विरोध के बाद सरकार को अपने फैसले पर 24 घंटे के अंदर ही सफाई देनी पड़ी थी.
उस समय शिक्षा मंत्री रहे विजय कुमार चौधरी ने कहा था “बीटीईटी बंद नहीं होगा. राज्य सरकार द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा बंद करने या नहीं कराने का की निर्णय नहीं लिया गया है. अभी के नियम के अनुसार शिक्षक नियुक्ति के लिए सीटेट और बीटेट दोनों में से किसी परीक्षा में पास छात्र शिक्षक अभ्यर्थी बनने के पात्र हो जाते हैं और नियुक्ति के लिए अभ्यावेदन देते हैं.”
शिक्षा मंत्री का कहना था कि वर्तमान समय में दोनों परीक्षा पास अभ्यर्थी की संख्या पर्याप्त है इसलिए इस परीक्षा का आयोजन नहीं किया जा रहा है. पात्रता परीक्षा का आयोजन किए जाने से अगले चरण की नियुक्ति प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है.
वहीं बीटीईटी का आयोजन नहीं किये जाने पर हाईकोर्ट ने बीएसईबी से स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया था. इसके बाद बीएसईबी ने शिक्षा विभाग से इस बारे में जानकारी मांगी थी. प्राथमिक शिक्षा निदेशक नें बीएसईबी को भेजे जवाब में लिखा था कि ‘अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में शिक्षक पात्रता परीक्षा के संबंध में 26 अप्रैल 2022 को बैठक में निर्णय लिया गया है. भारत सरकार द्वारा नियमित रूप से CTET का आयोजन किया जा रहा है, इसलिए वर्तमान में विभाग द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजित नहीं करने का निर्णय लिया गया है.’
"पहले से ही पर्याप्त संख्या में अभ्यर्थी मौजूद हैं. अगर सरकार के पास पर्याप्त संख्या में अभ्यर्थी मौजूद हैं तो उन्हें बीएड प्रवेश परीक्षा का आयोजन ही नहीं करना चहिए," ये कहना है शिक्षक अभ्यर्थी सोनी कुमारी का.
सोनी पटना खगौल की रहने वाली हैं. बीएड 21-23 सेशन की छात्रा सोनी कहती हैं “सरकार बीएड के संचालन पर ही 10 साल का रोक लगा दे. जब पहले से पास सारे अभ्यर्थी को नौकरी मिल जाए तब वापस सरकार बीएड शुरू करें. हमारे मां-बाप दो-दो लाख रूपया खर्च करके हमलोग को बीएड क्यों करवाएं थे. नौकरी हो जाएगा आगे दीक्कत नहीं होगा. लेकिन यहां हुआ क्या? पहले बीएड करो, फिर सीटेट का दो पेपर पास करो. चाहे एसटीईटी का दो पेपर पास करो फिर बीपीएससी का परीक्षा पास करो. तब जाकर आप टीचर बनोगे.”
सोनी आगे कहती हैं “सरकार केंद्र के भरोसे शिक्षक अभ्यर्थी को मौका देती है. क्योंकि एसटीईटी तो आप चार साल बाद लिए हैं. बीटीईटी आप छह साल से नहीं लिए हैं. तो क्या पिछले चार साल से बिहार में 9वीं से 12वीं के बीच शिक्षक का पद खालीं नहीं हुआ था.”
बीपीएससी टीआरई 2 का एग्जाम का विरोध करेंगे छात्र
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के गेट पर हंगामा करने वाले अभ्यर्थियों ने बताया कि 2017 में पटना उच्च न्यायालय के आदेश पर बिहार शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन किया गया था. हाई कोर्ट के केस नंबर 14221-2015 में इसका जिक्र किया गया है कि यह परीक्षा प्रत्येक वर्ष हो. छात्रों का कहना है कि अगले कुछ महीनों में शिक्षक बहाली के लिए बीपीएससी टीआरई 2 (BPSC TRE 2) का आयोजन होना है.
ऐसे में शिक्षा विभाग बीटीईटी (BTET) लिए बगैर बीपीएससी टीआरई 2 का एग्जाम लेता है तो वे लोग इसका विरोध करेंगे.
बीटीईटी की मांग को लेकर शिक्षक अभ्यर्थियों ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के गेट पर हंगामा भी किया था. अभ्यर्थी बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर से मिले थे. छात्रों ने उनसे परीक्षा आयोजन को लेकर सवाल किया लेकिन उन्होंने कहा कि वे इसमें कुछ नहीं कर सकते हैं.
छात्र नेता दिलीप कुमार कहते हैं “बीटीईटी और सीटीईटी का आयोजन ना सिर्फ इस साल बल्कि हर साल होना चाहिए. जैसे केंद्र हर साल परीक्षा का आयोजन करती है. वहीं हर साल शिक्षक बहाली भी निकलनी चाहिए. यूपी, झारखंड जैसे राज्य हर साल स्टेट एग्जाम का आयोजन करते हैं लेकिन बिहार सरकार को पता नहीं इसमें क्या दिक्कत है. अभ्यर्थी इंतज़ार में रहते हैं अगर सरकार को परीक्षा नहीं लेना है तो इसकी घोषणा कर दे.”
दिलीप आगे कहते हैं “बीटीईटी का आयोजन इसलिए भी जरूरी है क्योंकि जैसे कुछ भाषा भोजपुरी, मैथिलि के सीटेट नहीं होता है. ऐसे में इस विषय के छात्र कहां जायेंगे."
लोगों की मांग जल्द पूरी की जायेगी
बिहार बोर्ड की तरफ़ से बात करते हुए डेमोक्रेटिक चरखा को बताया गया है कि "कई छात्रों की मांग BTET को लेकर है. बोर्ड जल्द ही इस परीक्षा का आयोजन करेगा."
अभ्यर्थियों की मांग है कि सरकार अगर शिक्षक बहाली के लिए बीपीएससी टीआरई 2 की परीक्षा ले रही है तो बीटीईटी की परीक्षा भी जल्द ली जानी चाहिए.