नल जल योजना : गर्भवती महिलाएं आज भी 2 किलोमीटर दूर से पानी लाने को मजबूर

गया जिले के कोसमा गांव की आरती देवी 4 महीने की गर्भवती हैं। उनके पति दैनिक मज़दूर हैं, इसीलिए वो सुबह सुबह ही घर से निकल जाते हैं। पानी की आवश्यकता पड़ने पर 2 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है।

author-image
नाजिश महताब
New Update
naljal1

आरती देवी जो की गर्भवती महिला हैं वो भी अपने घर से 2 किलो मीटर दूर पानी भरने आती हैं और भारी बाल्टी उठा कर घर जाती हैं, क्योंकि उनके घर में पानी नहीं आती है जिसके वजह से उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

“नल जल योजना” के लिए बजट 1 हज़ार 110 करोड़ रुपये रखे गए

बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने अपने सबसे महत्वपूर्ण 7 निश्चय योजना जिसे साल 2015 में शुरू किया था और फिर बाद में साल 2020 में उसी का दूसरा चरण लांच किया जिसके अंतर्गत हर घर में जल पहुंचाने की बात की गई थी। नल जल योजना के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा अगले 5 वर्षों में साफ़ पानी की पाइप लाइन बिछाई जाएंगी।इसके लिए राज्य सरकार द्वारा 47 हजार करोड रुपए का बजट जारी किया गया है। बिहार में वित्तीय वर्ष 2022-23 में “नल जल योजना” के लिए बजट 1 हज़ार 110 करोड़ रुपये रखे गए थे| साल 2020 में ही राज्य सरकार ने ये दावा किया था की इस योजना का 60% काम पूरा हो चूका है| लेकिन गया जिले के कोसमा गांव में नल जल योजना के तहत पाइप तो लग चुका है लेकिन अभी तक पानी नहीं आया है। और तो और गांव में पानी टंकी भी नहीं है।

गर्भवती महिला को पानी के लिए जाना पड़ता है 2 किलोमीटर दूर

जब हमने गया जिले से कोसमा गांव पहुंचे तो हमने देखा की लोगों को पानी को लेकर समस्या काफ़ी ज़्यादा है। आरती देवी 4 महीने की गर्भवती हैं। उनके पति दैनिक मज़दूर हैं, इसीलिए वो सुबह सुबह ही घर से निकल जाते हैं। पानी की आवश्यकता पड़ने पर 2 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है।

naljal3

आरती देवी से जब हमने बात की तो उन्होंने बताया कि “ नल जल योजना के तहत पूरे गांव में पानी का पाइप तो लग गया है लेकिन आज तक उसमें पानी नहीं आया है। जिसके वजह से सारे लोगों को 2 किलोमीटर दूर जाकर पानी लाना पड़ता है। गर्भवती होने के कारण मुझे उतनी दूर जाने से पेट में दर्द होने लगता है और कभी कभी डर लगता है की कहीं कोई दुर्घटना न हो जाए। गांव में पानी टंकी भी नहीं है जिसके वजह से परेशानी और बढ़ जाती है।”

गांव के मुखिया सवालों से बचते दिखें

जब हमने कोसमा गांव के मुखिया से बात करने की कोशिश की तो हमें उनसे मिलने भी नहीं दिया गया। लेकिन हम लगातार कोशिश करेंगे की उनसे बात हो पाए और समस्या का समाधान निकल सके।

गांव में लग गया है पाइप पर नहीं आई पानी

गांव में लगभग 200 से अधिक घरें हैं। और सारे के सारे घरों में पानी की समस्या काफ़ी अधिक है। पाने के लिए लोग कुएं पर निर्भर हैं। और तो और पानी के लिए दूसरे गांव जाना पड़ता है। जब हमने वहां के लोगों से बात की तो उनमें से एक ने बताया कि “ नल जल योजना यहां बहुत सारे गांव में नहीं है। यहां का कोसमा पहाड़ काफ़ी मशहूर है। यहां पानी टंकी तक नहीं है। नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट 7 निश्चय पूरी तरह फेल है। नल जल योजना के अंर्तगत पाइप बिछा दिया गया है, लेकिन उसमें पानी आज तक नहीं आया है।”

naljal4

जब हमने उनसे पूछा कि आपने गांव के मुखिया से शिकायत की या नहीं उसपर उन्होंने जवाब दिया कि “ कई बार हमलोग गए हैं उनके यहां शिकायत लेकर , उन्होंने कई बार आश्वासन भी दिया है लेकिन कोई भी समाधान नहीं निकलता है।”

पाइप में पानी नहीं, फिर भी योजना का काम सौर ऊर्जा से

5 जुलाई 2024 विभागीय मंत्री नीरज कुमार सिंह ने शुक्रवार को प्रेस-वार्ता में बताया कि पहले चरण में 10-15 योजनाओं में पानी टंकी पर पायलट प्रोजेक्ट के ऊपर सोलर प्लेट लगाने का काम किया जाएगा। इसके बाद इसे आगे बढ़ाया जाएगा। इससे बिजली नहीं रहने या ट्रांसफार्मेशन की गड़बड़ी होने पर जलापूर्ति में बाधा नहीं होगी। धीरे-धीरे कर नल-जल परियोजना के सारे काम सौर ऊर्जा से संचालित होने लगेंगे।

बिहार में अभी भी नल जल योजना सारे गांव तक नहीं पहुंची है। जहां एक तरफ़ नीतीश कुमार 7 निश्चय योजना को लेकर काफ़ी सतर्क नज़र आते हैं लेकिन अभी भी लोगों को पानी लाने के लिए एक लंबा सफ़र तय करना पड़ता है।

कोसमा गांव के रहने वाले आकाश कुमार बताते हैं कि “ हमारे गांव में नल जल योजना के तहत पाइप ज़रूर लग गया है , लेकिन आज भी उसमें पानी नहीं आता है। हम पशु भी पालते हैं, और पानी न होने के कारण हमें काफ़ी दूर जाकर खुद भी और पशुओं को भी पानी पिलाना पड़ता है। हमें समझ नहीं आता की आख़िर सरकार हम पर ध्यान क्यों नहीं देती है।

 बेतिया में भी नल जल योजना फेल 

बिहार के बेतिया में भी नल जल योजना फेल हो गई है. मझौलिया के बघम्भरपुर गांव में टंकी तो लग गई है , लेकिन अब उसमें पानी नहीं आता। 2019 में सीएम नीतीश कुमार इस गांव में आए थे. तभी आनन-फानन में नल जल योजना की टंकी इस गांव में लगाई गई थी। जबकि, अब पानी टंकी शोभा की वस्तु बनकर रह गई है। जानकारी के मुताबिक अधिकारियों की लापरवाही के कारण नल जल योजना दम तोड़ती जा रही है। यही वजह है कि लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ ग्रामीणों में आक्रोश देखा जा रहा है।

naljal2

बघम्भरपुर के मुकेश ( बदला हुआ नाम ) बताते हैं कि “ शुरुवाती कुछ महीने हमें शुद्ध पानी मिला लेकिन उसके बाद पानी आना बंद हो गया। शुद्ध पानी हम सब का अधिकार है, लेकिन हमें पानी नहीं मिल रहा। हमें हर काम के लिए पानी बाहर से लाना पड़ता है, कभी कुंआ तो कभी चापानल । जिनके पास पैसा है वो बोरिंग करा लेते हैं। लेकिन हमारे पास इतनी आमदनी नहीं है। सरकार को चाहिए की सरकार ज़मीन पर आए और देखे की हमें किन किन समस्याओं से गुज़रना पड़ता है।

टोलफ्री नंबर पर नहीं ली गई शिकायत

2022 में बिहार सरकार के लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री रामप्रीत पासवान विभागीय समीक्षा के लिए दो दिवसीय दौरे पर गुरुवार को सुपौल पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने बिहार सरकार के महत्वाकांक्षी सात निश्चय योजना में सदर प्रखंड के हरदी पूरब पंचायत के कई वार्डों में योजना का निरीक्षण किया और खुद नल-जल योजना का पानी भी ग्रहण किया।  उन्होंने कहा कि लोगों को पानी की समस्या के लिए टोलफ्री नंबर भी जारी किया गया है जो 18001231121 है। स्वच्छ जल को लेकर यदि कोई समस्या हो तो लोग इस पर शिकायत कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि 12 घंटे के भीतर समस्या के निदान की व्यवस्था की गयी है। 

जब इस समस्या पर हमने इस टोल फ्री नंबर पर कंप्लेन करने की कोशिश की तो 2-3 बार कॉल करने के बाद उन्होंने हमारी समस्या सुनते के साथ ही कॉल कट कर दिया। इससे ये साफ़ ज़ाहिर होता है की सरकार भी जानती है की नल जल योजना में अभी भी कमियां हैं। सरकार को चाहिए की जल्द से जल्द इसपर काम करके बिहार के गांव में शुद्ध पानी की सेवा शुरू करे।

Bihar NEWS cm nitish NAL JAL YOJANA Nitish Kumar