पंचायतों में सोलर स्ट्रीट लाइट योजना चार वार्डों से कब बढ़ेगी आगे?

बिहार के 8054 पंचायतों के 1,19,647 वार्ड में दस लाख से अधिक सोलर लाइट लगाये जाने हैं. योजना का उद्देश्य है की सौर उर्जा का प्रयोग कर गांव की गलियां अंधेरे में रौशन होंगी.

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दो साल पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जल जीवन हरियाली मिशन के तहत गांवों में सोलर स्ट्रीट लगाए जाने की घोषणा की थी. साल 2022 में शुरू किये गये मुख्यमंत्री सोलर स्ट्रीट लाइट योजना के तहत बिहार के 8054 पंचायतों के 1,19,647 वार्ड में दस लाख से अधिक सोलर लाइट लगाये जाने हैं. योजना का उद्देश्य है की सौर उर्जा का प्रयोग कर गांव की गलियां अंधेरे में रौशन होंगी.

लेकिन बिहार पंचायती राज विभाग के डिजीटल प्लेटफ़ॉर्म पंचायती राज निश्चय सॉफ्ट पर मौजूद आंकड़े और बिहार आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2023-24 में जारी आंकड़े कुछ और ही कहानी बताते हैं. योजना की रफ़्तार इतनी धीमी है कि अब तक मात्र 5,176 पंचायतों के मात्र 20,195 वार्ड में 2,11,173 लाइट लगाई गयीं हैं. जबकि इस समय अवधि में दो लाख 80 हजार 201 लाइट लगाई जानी थी.

वहीं मार्च 2024 तक इस आंकड़े को तीन लाख तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया था. लेकिन धीमी कार्य व्यवस्था के कारण अगस्त के पहले हफ्ते तक भी यह लक्ष्य पूरा नहीं हो सका है.

चार वार्डों तक सिमटा है, सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने का काम

बिहार आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा स्ट्रीट लाइट बेगूसराय जिले में लगाई गईं हैं. बेगूसराय के 217 पंचायत और 868 वार्ड में 6650 स्ट्रीट लाइट लगाई गई हैं. वहीं अगस्त महीने तक बेगूसराय जिले में अतिरक्त 13 वार्ड में स्ट्रीट लाइट लगाई गईं, जिसके कारण यह संख्या बढ़कर 8,490 तक पहुंच गयी. जबकि विभाग ने 25,140 स्ट्रीट लगाये जाने का आदेश दिया था. 

जहां एक तरफ जिले के कई पंचायत स्ट्रीट लाइट लगाए जाने का इन्तजार कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ जिन वार्डों में लाइट लगी हैं, वहां से उसके खराब होकर बंद पड़ी होने की शिकायत आ रही है.

बेगूसराय जिले के छौराही प्रखंड के मालपुर पंचायत के रहने वाले करण कुमार, बथौल गांव में लगे सोलर स्ट्रीट लाइट के खराब होने की शिकायत करते हैं. करण बताते हैं “मेरे घर के बाहर लगा सोलर स्ट्रीट लाइट दो महीने में ही खराब हो गया. इसको आजतक नहीं बनवाया गया है. गांव में लगा अधिकतर सोलर स्ट्रीट लाइट खराब हो चुका है. इससे शाम के बाद पढ़ाई कर लौटने वाले छात्रों खासकर बच्चियों को परेशानी होती है. बुजुर्गों के नाले या सड़क के गड्ढ़ों में गिरने की आशंका बनी रहती है.”

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पंचायत में खराब सोलर स्ट्रीट लाइट के संबंध में मालपुर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि विजय कुमार सिंह इंकार करते हैं. उनका कहना है कि उनके संज्ञान में अबतक ऐसा कोई मामला नहीं आया है. साथ ही उनका कहना है की लाइट के रखरखाव की जिम्मेदारी कंपनी की है.

विजय कुमार सिंह ने बताया की उनके पंचायत में 16 वार्ड हैं जिनमें से अबतक मात्र चार वार्ड में लाइट लगाई गई है. विजय कुमार कहते हैं “बाकि वार्डों के लिए हमने डीडीसी और डीएम साहब को पत्र  लिखा है. सरकार लगा रही हैं. हमें जब जब विभाग से पेमेंट करने को कहा जाता है, हम कर देते हैं.”

मालपुर के अलावा कई पंचायतों के मुखिया ने सोलर स्ट्रीट नहीं लगाए जाने की समस्या साझा की है. ज्यादातर पंचायतों के चार वार्डों में ही सोलर स्ट्रीट लाइट अबतक लगाई गयी है.

नालंदा जिले के नूरसराय प्रखंड के नदियौना पंचायत में 13 वार्ड हैं. लेकिन यहां भी केवल चार वार्ड में सोलर स्ट्रीट लाइट लगाई गयी है. बाकि बचे वार्ड लाइट लगाये जाने के इंतजार में है. नदियौना पंचायत के मुखिया विशुनदेव पासवान बताते हैं “अभी एक महीने पहले छह अन्य वार्ड का लिस्ट लिया गया है. लेकिन उसमें काम कब तक शुरू होगा इसका अब तक कोई मैसेज नहीं आया है. बाकि वार्ड के लोग हमेशा पूछते रहते हैं हमारे वार्ड में कब लगेगा. अगर एक पंचायत के सभी वार्ड में एक ही बार में लाइट लग जाता तो जनता को खुशी होता है. अभी उनमें एक तरह का रोष रहता है की जानबूझकर हमारे वार्ड में नहीं लगाया है.”

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वार्ड में केवल 10 स्ट्रीट लाइट लगाए जाने से होने वाली परेशानी साझा करते हुए  विशुनदेव कहते हैं “हर वार्ड में केवल 10 बल्ब लगाने का आदेश है. लेकिन किसी वार्ड में दो गांव आते हैं. वहां की आबादी ज्यादा रहती है. ऐसे में 10 बल्ब में पूरा वार्ड कैसे मैनेज होगा?”

लखीसराय जिले से चानन प्रखंड के महेशलेटा पंचायत में 15 वार्ड हैं. यहां भी केवल चार वार्ड में लाइट लगाये गये हैं. मुखिया प्रतिनिधि पप्पू कुमार कहते हैं “छह महीने पहले बाकि वार्ड के लिए लिस्ट भेजा गया था. लेकिन इस पर अब तक कोई जबाव नहीं आया है.”

विभाग से नहीं मिली जानकारी 

पंचायती राज विभाग द्वारा संचालित सोलर स्ट्रीट लाइट योजना दो सालों बाद भी पंचायतों के चार वार्डों तक ही रुका हुआ है. जहां किसी वार्ड में लाइट अच्छी रौशनी कर रहे हैं, तो कहीं इसको लेकर शिकायते भी आ रही हैं. सोलर लाइट्स के रखरखाव को लेकर पंचायत प्रमुखों से मिली जानकारी भी एक समान नहीं है. कोई इसकी जिम्मेदारी ‘ब्रेडा’ के ऊपर बता रहे हैं तो किन्ही का कहना है की इसे वार्ड सदस्य को अपने खाते से करना है.

विभाग ने सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने और लगाये जा चुके स्ट्रीट लाइट के उचित रखरखाव की निगरानी के लिए ऑनलाइन व्यवस्था किये जाने के निर्देश दिए हैं.

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सौर लाइट परियोजना के प्रभारी, विशेष कार्यकारी अधिकारी अलोक कुमार से हमने परियोजना के क्रियान्वयन में हो रही देरी का कारण जानना चाहा. लेकिन पंचायती राज विभाग के वेबसाइट पर मौजूद उनके नंबर पर इनकमिंग की सुविधा बंद बताई जा रही है. 

पंचायती राज विभाग के उप सचिव किशोर कुमार ने कहा की सौर लाइट योजना उनका विभाग नहीं है, इसकी जानकारी आलोक कुमार ही दे सकते हैं.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो सालों पहले योजना की शुरुआत करते हुए कहा था कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों की तस्वीर बदल जाएगी. बिहार को 15वें वित्त आयोग के तहत केंद्र से 1100 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मिली थी. राज्य सरकार ने इसके एक हिस्से का उपयोग सोलर स्ट्रीट लाइट योजना शुरू करने के लिए लगाया था. वित्तवर्ष 2022-23 के लिए राज्य योजना और छठे वित्त आयोग के तहत 247.17 करोड़ रूपए दिए गए हैं. वहीं वित्तवर्ष 2023-24 में इसके लिए 390 करोड़ रुपए प्रस्तावित किये गये हैं.

हालांकि करोड़ो के बजट के बावजूद, योजना क्रियान्वयन की धीमी प्रगति ने, ग्रामीणों के लिए उजाले की आस को धुंधला कर दिया है.

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