पटना हाईकोर्ट ने मंगलवार को बिहार में नियोजित शिक्षकों के हित में एक बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने बिहार सरकार के द्वारा लिए जा रहे हैं सक्षमता परीक्षा से जुड़े याचिका पर आज सुनवाई की. कोर्ट ने कहा कि सक्षमता परीक्षा में फेल होने वाले नियोजित शिक्षकों की नौकरियां अब नहीं जाएंगी. इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि परीक्षा में शामिल होने वाले नियोजित शिक्षक अपने पद पर बने रहेंगे. किसी की भी नौकरी नहीं जाएगी.
हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद बिहार सरकार को एक तगड़ा झटका लग सकता है. बिहार सरकार ने फैसला लिया था कि राज्य में नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए सक्षमता परीक्षा ली जाएगी. परीक्षा में शामिल होने के लिए पांच मौके दिए जाएंगे, अगर कोई नियोजित शिक्षक इस परीक्षा में पास नहीं हो पता है तो उसकी नौकरी चली जाएगी.
विजय चौधरी ने कहा - गलत खबरें प्रचारित हो रही
बिहार में साढ़े तीन लाख नियोजित शिक्षक हैं, कोर्ट के फैसले को इन सभी शिक्षकों के लिए महत्वपूर्ण बताया जा रहा है.
इस पूरे फैसले पर संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने बताया कि पटना हाईकोर्ट का है फैसला स्वागत योग्य है. विजय चौधरी ने कहा कि सक्षमता परीक्षा को लेकर गलत खबरें प्रचारित हो रही हैं कि नियोजित शिक्षकों को हटाया जा सकता है. जबकि बिहार सरकार ने कभी भी हटाने की बात नहीं कहीं. नियमावली में परीक्षा नहीं देने या फिर फेल हो जाने पर नियोजित शिक्षक नियोजित ही रह जाएंगे.
बिहार में सक्षमता परीक्षा के विरोध में नियोजित शिक्षकों ने कई बार प्रदर्शन किया है. हालांकि सक्षमता परीक्षा के पहले दौर के रिजल्ट को शिक्षा विभाग ने जारी किया था. परीक्षा में करीब 1 लाख शिक्षक पास हुए थे, जबकि 3 लाख शिक्षक परीक्षा में शामिल हुए थे. इन सभी पास शिक्षकों को बीपीएससी शिक्षकों की तरह ही जिलों का आवंटन किया जा रहा है.