आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए पीडीएस डीलरों पर दबाव, राशन की जगह अब बना रहे हेल्थ कार्ड

पीडीएस दुकानदारों का काम सिर्फ़ राशन वितरण का था. लेकिन अब उनके ऊपर आयुष्मान कार्ड बनाने की भी ज़िम्मेदारी दे दी गयी है. लेकिन इसके लिए उनके पास किसी तरह की सुविधा नहीं है. अधिकारियों का दबाव है कि उन्हें हर हाल कार्ड बनाना ही होगा.

New Update
आयुषमन कार्ड योजना बिहार

प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी योजना ‘आयुष्मान भारत’ देश ही नहीं दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ इंश्योरेंश स्कीम है. ऐसा दावा केंद्र की मोदी सरकार, योजना के शुरूआती वर्ष से कर रही ह

राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, देशभर में 65.75 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं. कार्ड बनाने के मामले में राज्य यूपी, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश और आंध्रप्रदेश शीर्ष पांच स्थानों पर आते हैं. वहीं  बिहार का स्थान छठा है. बिहार में अब तक (29 जुलाई) आयुष्मान भारत योजना के तहत 3,87,45,595 कार्ड बनाये गये हैं.

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने मंगलवार 23 जुलाई को हुई एक समीक्षा बैठक में कहा कि राज्य में 8.5 करोड़ पात्र लोगों का आयुष्मान कार्ड बनाया जाना है. जिसमें अब तक राज्य में लगभग 3 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं. वहीं 5.5 करोड़ लोगों का कार्ड बनना अभी बाकी है. जिसके लिए विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है.

स्वास्थ्य मंत्री का सख्त निर्देश है कि 18 जुलाई से 31 जुलाई तक राज्यभर में हर हाल में एक करोड़ नए कार्ड बनाने का लक्ष्य पूरा किया जाएं. 

अब राशन वितरण के साथ आयुष्मान कार्ड बनाने की ज़िम्मेदारी

सभी जन वितरण दुकानदारों को अपने दुकान पर कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के ऑपरेटर के माध्यम से कार्ड बनवाने में सहयोग करना है. पीडीएस केंद्र पर बने कैंप में पात्र लाभार्थियों के बैठने की व्यवस्था और ऑपरेटर के लैपटॉप, प्रिंटर, बायोमेट्रिक मशीन और एंड्राइड मोबाइल के साथ बैठने की व्यवस्था विभाग को करना है.

साथ ही जन वितरण प्रणाली की दुकानों को सुबह 8 बजे से शाम तक खोलने का भी निर्देश दिया गया है, ताकि लोग आसानी से अपना आयुष्मान कार्ड बनवा सकें. पीडीएस दुकानदारों के अलावा, आशा कार्यकर्ताओं को भी पात्र लोगों को केंद्र तक लाने की ज़िम्मेदारी दी गयी है. वहीं इन कैम्पों की मॉनीटरिंग की ज़िम्मेदारी बीडीओ को दी गयी है. साथ ही जिलाधिकारी व सिविल सर्जन भी, अभियान का संचालन और मॉनीटरिंग करेंगे.

CSC सेंटर
बिहार का CSC केंद्र 



राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (नेशनल फुड सेक्युरिटी एक्ट) के तहत 1.79 करोड़ राशन कार्डधारी परिवार हैं. इनमें से अब तक लगभग एक करोड़ 39 लाख 87 हजार 827 परिवार का कार्ड बन चुका है. राज्य सरकार का लक्ष्य है कि बाकि बचे लोगों के कार्ड भी जुलाई अंत तक बन जायें.

आदेश में कहा गया है कि प्रत्येक पीडीएस केंद्र पर आयुष्मान कार्ड बनाने की व्यवस्था करनी है. लेकिन कई पीडीएस केंद्र ऐसे भी हैं जहां कार्ड नहीं बनाया जा रहा है. पटना शहर के कंकड़बाग के वार्ड 44 के जानकी नगर कॉलोनी में स्थित पीडीएस केंद्र पर इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं है.

पूछने पर डीलर का कहना है “एमओ (मार्केंटिंग ऑफिसर) ने उनके केंद्र का नाम नहीं दिया है.”

हमने जानकारी के लिए पटना सदर के बीडीओ से संपर्क करने का प्रयास किया. लेकिन वेबसाइट पर मौजूद नंबर गलत बता रहा है. वहीं सर्किल ऑफिसर ने कहा कि बीडीओ का नंबर बदल गया है. वहीं ऐसा कोई अभियान क्षेत्र में चल रहा है या नहीं इसकी जानकारी उन्हें नहीं है.

यहां प्रश्न उठता है जब अभियान के मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी प्रखंड विकास पदाधिकारी को दी गयी है तो उनका नंबर वेबसाइट पर अबतक अपडेट क्यों नहीं किया गया? ताकि किसी तरह की असुविधा होने पर लोग उनसे संपर्क कर सके.

केंद्रों को आदेश दिया लेकिन कार्ड बनाने की सुविधा नहीं

राज्य सरकार के फ़ैसले से पीडीएस दुकानदार भी नाराज़ हैं. उनका कहना है कि जब यह काम स्वास्थ्य से जुड़ा है तो इसकी ज़िम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग से जुड़े लोगों को दी जानी चाहिए थी. वहीं दुकानदारों की दूसरी परेशानी कार्ड बनाने की व्यवस्था नहीं मिलने से भी बढ़ी हुई है.

कटिहार जिले के एक पीडीएस दुकानदार, जिनकी पहचान हम सुरक्षा कारणों से उजागर नहीं कर सकते, अपनी परेशानी साझा करते हुए कहते हैं “मेरी पत्नी की तबियत ख़राब है. उसे टाइफ़ाइड हुआ है. उसकी देखभाल करने और डॉक्टर के यहां आने जाने के कारण मैं दुकान नहीं खोल पा रहा था. इस बीच हमें पत्र भेजा गया है कि क्यों हम कार्ड बनाने में सहयोग नहीं कर रहे हैं. हालांकि मेरे पास जवाब देने के लिए सभी वाजिब कारण हैं. लेकिन मेरा फिर भी सवाल है कि हमें क्यों इसकी जिम्मेदारी दी गयी?” 

दरअसल, कटिहार जिले के शहरी क्षेत्र के पीडीएस दुकानदारों को अनुमंडल अधिकारी ने ‘कारण बताओं’ पत्र जारी किया है. पत्र में कहा गया है कि आयुष्मान भारत कार्ड बनाने में सहयोग नहीं करने के कारण यह पत्र भेजा गया है. 

प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर 

पीडीएस संचालक अपनी दूसरी समस्या साझा करते हुए बताते हैं, कैसे केंद्र से जुड़े विलेज लेवल इंटरप्रेन्योर्स (VLE) के नहीं आने से उन्हें कार्ड बनाने में परेशानी होती है. वो कहते हैं “हमें बोला जाता है अपने मोबाइल से कार्ड बनाइए लेकिन इससे परेशानी होता है. सीएससी सेंटर से कोई नहीं आया. अधिकारी से परेशानी साझा करने पर वो बोलते हैं, हर हालत में आपको कार्ड बनाना है. फ़ोन से कार्ड बनाने की ट्रेनिंग दी गई है लेकिन उससे कभी बनता है कभी नहीं. इससे पहले मार्च महीने में चले अभियान में सीएससी से लोग आये थे लेकिन इस बार कोई नहीं आया.”

वीएलई के नहीं आने के कारण होने वाली परेशानी पर जानकारी के लिए हमने कटिहार ब्लॉक के बीडीओ से संपर्क किया लेकिन उन्होंने प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी से बात करने को कहा. प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी अश्विनी कुमार इस समस्या का जवाब देते हुए कहते हैं “कई बार दूर गांव के विलेज लेवल इंटरप्रेन्योर्स (VLE) को पीडीएस केंद्र से जोड़ दिया जाता है. इस स्थिति में वीएलई वहां पहुंच नहीं पाते हैं. ऐसे में एक ऑपरेटर डीलर के साथ मिलकर काम करता है. साथ ही डीलरों को मोबाइल से कार्ड बनाने की ट्रेनिंग दी गई है.”

अश्विनी कुमार आगे कहते हैं “विशेष अभियान में अब तक हमारे ब्लॉक में 3082 नए कार्ड बने हैं.” हालांकि पदाधिकारी असल प्रश्न का जवाब देने से बचते रहे.

पीडीएस संचालकों के अनुसार, अधिकारियों का कहना है कि उनके ऊपर दबाव है. क्योंकि कार्ड बनाने का परसेंटेज नहीं बढ़ रहा है. इसलिए वो डीलरों के ऊपर दबाव बना रहे हैं. इसके लिए वो लाइसेंस रद्द करने और जुर्माना लगाए जाने की भी बात कह रहे हैं.

डीलर कहते हैं “हम लोग कोशिश कर रहे हैं. घर-घर जाकर लोगों को बोल रहे हैं. लेकिन पात्र लोग आयें तभी तो हम लोग कार्ड बना सकते हैं. आशा को भी ज़िम्मेदारी दी गयी है लेकिन वो लोग कुछ नहीं कर रही हैं और उनके ऊपर कोई कार्रवाई भी नहीं हो रहा है.”

डीलरों का कहना है बहुत से लोगों ने कार्ड बनवा लिया है. इस कारण संख्या तेज़ी से नहीं बढ़ रहा है. वहीं इस अतिरिक्त काम के लिए उन्हें ना तो अलग से कोई राशि या कमीशन का भुगतान किया जा रहा है. 

PDS ayushman card online Ayushman Bharat Scheme Ayushman Bhava cards Aayushman Bharat Card 1 crore Ayushman card in Bihar Ayushman card target in bihar Ayushman card in Bihar PDS shopkeepers on strike